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Hindi Now Uttar Pradesh • 30 Jul 2025, 10:43 am
रूस के कुरील द्वीप और जापान के होक्काइडो द्वीप में बुधवार तड़के 8.7 तीव्रता के भूकंप के बाद सुनामी आ गई। वहां चारों तरफ सुनामी के सायरन बजने लगे और फौरन अलर्ट जारी कर दिया गया। भूकंप के झटकों के बाद लोगों में डर फैल गया। जापानी मौसम विभाग के मुताबिक 30 सेंटीमीटर ऊंची पहली लहर नेमुरो के तट पर पहुंची। रूस के सेवेरो-कुरीलस्क इलाके में भी लहरें आईं, लेकिन वहां के लोग सुरक्षित हैं और एहतियात के तौर पर ऊंचे स्थानों पर भेज दिए गए हैं। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने हवाई, चिली, जापान और सोलोमन द्वीप जैसे इलाकों में 1 से 3 मीटर तक ऊंची लहरें उठने की चेतावनी जारी की है। वहीं रूस और इक्वाडोर के तटीय इलाकों में इससे भी ऊंची लहरें उठने की आशंका है।
रूस की तास समाचार एजेंसी के मुताबिक भूकंप के झटके के बाद पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की शहर में लोग डर के कारण सड़कों पर आ गए। कुछ लोग बिना जूते या कपड़ों के भी बाहर निकल आए। घरों में सामान गिर गया, शीशे टूट गए और कारें क्षतिग्रस्त हो गईं। शहर में बिजली और मोबाइल नेटवर्क भी बंद हो गया। सखालिन द्वीप से लोगों को निकालने का काम जारी है और आपात सेवाएं तेजी से काम कर रही हैं।
अलास्का में भी खतरे को देखते हुए वहां के अल्यूशियन द्वीप समूह में सुनामी की चेतावनी दी गई है। अमेरिका के पश्चिमी तटों जैसे कैलिफोर्निया, ओरेगन, वाशिंगटन और हवाई के कुछ हिस्सों के लिए भी अलर्ट जारी हुआ है। अलास्का के तटवर्ती इलाकों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। इससे पहले जुलाई में भी कामचटका इलाके में समुद्र के भीतर 7.4 तीव्रता का बड़ा भूकंप आया था। उसका केंद्र 20 किलोमीटर गहराई में था और यह भूकंप 180,000 की आबादी वाले शहर पेट्रोपावलोव्स्क से 144 किलोमीटर दूर आया था।
कब आती है सुनामी?
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भूकंप की तीव्रता 7.5 से ज्यादा हो तो सुनामी की आशंका होती है। 7.8 से ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप से भारी तबाही मच सकती है और बड़े पैमाने पर लहरें उठ सकती हैं। 1952 में 9.0 तीव्रता के भूकंप से भी इसी इलाके में बड़ा नुकसान हुआ था, हालांकि हवाई में 30 फुट ऊंची लहरों के बावजूद कोई हताहत नहीं हुआ था।
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