मोदी और ट्रंप के लिए ये क्या बोल गए चंद्रशेखर? हंगामा होना तय!

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 30 Jul 2025, 03:06 pm
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संसद के मानसून सत्र में विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को घेरना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव से लेकर इमरान मसूद ने उन्हें आड़े हाथो लिया है। वहीं नगीना सांसद चंद्रशेखर रावण ने तो ऐसा बयान दिया है कि हंगामा मचना तय है। आइये पूरा मामला जानते हैं।

संसद के मानसून सत्र का आज आठवां दिन है। इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सदन में चर्चा जारी है। वहीं संसद के बाहर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस और सपा सांसदों के साथ मिलकर बिहार में लागू किए जा रहे SIR (स्पेशल इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट) के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान सभी सांसदों ने मुख्य चुनाव आयुक्त की तस्वीर वाला एक पोस्टर हाथ में लिया था, इस पर 'यश सर' लिखा हुआ था।


सरकार असली दुश्मन पहचानने में नाकाम

अखिलेश यादव ने कहा कि भारत सरकार असली दुश्मन को पहचानने में नाकाम है। उन्होंने कहा कि अधिकतर आतंकवादी पाकिस्तान से आते हैं, लेकिन पाकिस्तान के पीछे असली ताकत चीन है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हर बार युद्ध जैसी स्थिति बनने पर हमें इसी तरह की स्थिति से गुजरना होगा। उनका बयान देश की विदेश नीति और सुरक्षा पर सरकार की रणनीति को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।


देश को एक मजबूत प्रधानमंत्री की जरूरत

लोकसभा में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक कमजोर नेता के रूप में सामने आए हैं, जबकि देश को एक मजबूत प्रधानमंत्री की जरूरत है, जो राहुल गांधी का मुकाबला कर सके। इमरान मसूद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयानों को झूठ नहीं कहा, जबकि ट्रम्प बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया था। उन्होंने कहा कि हमारी बहनों का सिंदूर पोंछा गया, उनके आंसू तक नहीं सूखे और हम क्रिकेट खेल रहे हैं। क्या हम अपने व्यापार के लिए स्वाभिमान गिरवी रख देंगे?


ट्रंप जैसे दोस्त से तो दुश्मन अच्छे

नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी अमेरिका के रवैये पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अमेरिका एक तरफ दोस्ती की बात करता है और दूसरी ओर खुद को मध्यस्थ बनाकर भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है। चंद्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री दोनों ने स्पष्ट किया है कि भारत ने अमेरिका से कोई मध्यस्थता नहीं मांगी, इसके बावजूद ट्रम्प लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जो हमारे देश की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे दोस्तों से तो दुश्मन ही अच्छे हैं, जो कम से कम सामने से वार करते हैं।


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