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Hindi Now Uttar Pradesh • 28 May 2025, 06:16 pm
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में
प्रशासन ने एक 30 साल पुराना मंदिर तोड़ दिया है। इसको लेकर चारों तरफ चर्चाएं हो
रही हैं। हालांकि यह मंदिर यातायात को सुचारू बनाने के लिए तोड़ा गया है। जनपद में
बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए यहां की सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है। कटरा चौराहे से
पूर्व की तरफ कंपनी बाग जाने पर आवास विकास कॉलोनी के मोड़ पर ही मंदिर स्थित है,
जो सड़क के बिल्कुल बगल में ही बना हुआ था और सड़क चौड़ीकरण में बाधा उत्पन्न कर
रहा था। इस समस्या को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर में रखी मूर्ति को दूसरे स्थान
पर स्थापित करवा दिया और मंदिर के बाउंड्री वॉल एवं छत को बुलडोजर से ढहा दिया।
मंदिर का इतिहास, इतने साल पुराना था मंदिर-
कटरा चौराहा एवं कंपनी बाग
मार्ग पर स्थित यह मंदिर 30 साल
पुराना बताया जा रहा है। आवास विकास एवं जनपद के अन्य हिस्सों में निवास करने वाले
श्रद्धालु मंगलवार के दिन भारी संख्या में यहां पर आकर पूजा-पाठ करते थे। स्थानीय
लोगों ने बताया कि काली माता का यह मंदिर शहर में सार्वजनिक स्थलों पर निर्मित एक
ही मंदिर था। इसको सर्वसम्मति से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया गया है।
कैसे बनी सहमति-
कटरा एवं कंपनी बाग मार्ग का
चौड़ीकरण बहुत दिनों से प्रस्तावित था, जो जनमानस के आवागमन के लिए आवश्यक भी था।
यह शहर के सबसे मुख्य मार्गो में भी गिना जाता है। जनता के आवागमन को सुगम बनाने
के लिए जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रशासन के बीच इस मुद्दे को लेकर लंबे दिनों से
बातचीत चल रही थी। मंदिर की प्रतिमा के स्थानांतरण पर यह सहमत बन पाई।
मां काली
की मूर्ति की गई स्थानांतरित-
जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रशासन
ने आम जनता की मौजूदगी में धार्मिक अनुष्ठान के साथ हाथी स्वरूप मां की प्रतिमा को
बगल में ही नवनिर्मित मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ स्थापित किया। मंदिर के
पुजारी ने बताया कि लोकगीत एवं श्रद्धालुओं की भावना को देखते हुए धार्मिक
अनुष्ठानों के उपरांत ही मंदिर में स्थापित प्रमुख दो मूर्तियों का स्थानांतरण
किया गया है।