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Hindi Now Uttar Pradesh • 29 Jul 2025, 06:08 pm
डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी करने वाले मौलाना के खिलाफ पुलिस में शिकायत
मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ मौलाना साजिद रशीदी की आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में बवाल खड़ा हो गया है। अब इसके विरोध में मऊ की समाजवादी महिला सभा की कार्यकर्ताओं ने एसपी को ज्ञापन सौंपकर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि साजिद रशीदी भाजपा के इशारे पर काम करता है और भाजपा समय-समय पर उसका इस्तेमाल करती है। राष्ट्रीय सचिव अंशा यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा मौलाना को संरक्षण देती है और उसे मुस्लिम समुदाय का चेहरा बनाकर टीवी डिबेट्स में भेजती है। महिला सभा की जिला अध्यक्ष सितारा यादव ने इस बयान को भाजपा की सोची-समझी चाल बताया और डिंपल यादव जैसी सम्मानित महिला के खिलाफ बयान देने वाले मौलाना पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज करने के आदेश दिए है।
मऊ पहुंचे केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर, जनसुनवाई कर की लोगों की मदद
मऊ शहर के बलिया मोड़ स्थित युवा नेता शक्ति सिंह के कार्यालय पर मंगलवार को दर्जा प्राप्त केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर पहुंचे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत फूलमालाओं के साथ किया। इस दौरान मंत्री ने फरियादियों की समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग की समस्याओं को पहले नजरअंदाज किया जाता था, लेकिन अब ऐसी शिकायतों को गंभीरता से लेकर समाधान किया जा रहा है। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार हर वर्ग के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है और आम लोगों की आवाज को प्राथमिकता दी जा रही है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं मौजूद रहे।
साढ़े 500 बीघे जमीन पर एक्शन, फर्जी नाम किए गए निरस्त
मऊ के चकबंदी अधिकारी आर.के. सिंह ने जनपद में 543 बीघा सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर फर्जी तरीके से दर्ज नामों को निरस्त कर दिया है। ग्राम पंचायत धर्मपुर बिशनपुर और दुबारी में चकबंदी के दौरान पता चला कि जलमग्न, आबादी, स्कूल, परती, बंजर, नदी, रास्ता और मठ की जमीन को कई लोगों ने अवैध रूप से अपने नाम दर्ज करा लिया था। धर्मपुर बिशनपुर में करीब 210 बीघा और दुबारी में करीब 333 बीघा भूमि पर गलत ढंग से कब्जा दिखाया गया था। चकबंदी अधिकारी ने जांच के बाद सभी फर्जी दावों को निरस्त कर भूमि को पुनः जनहित में दर्ज करने का आदेश दिया है। इस निर्णय की ग्रामीण क्षेत्रों में सराहना हो रही है और इसे एक बड़ा प्रशासनिक कदम माना जा रहा है।
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