शुभांशु शुक्ला ने भेजा ये मेसेज, पढ़कर खुश हो जाएंगे आप

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 26 Jun 2025, 04:29 pm
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इंटरनेशनल स्पेस सेंटर के लिए उड़ान भरने वाले भारतीय वायुसेना के पायलट शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से एक संदेश भेजा है। आइये खबर में जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा है?

भारतीय वायुसेना के 39 वर्षीय पायलट और अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष के लिए एक ऐतिहासिक उड़ान भरी है।एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरने के कुछ घंटों बाद ही अंतरिक्ष से अपना पहला संदेश भेजा। अपने संदेश में शुभांशु शुक्ला ने कहा कि सभी को अंतरिक्ष से नमस्कार। मैं अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यहां आकर बेहद रोमांचित हूं। वाह यह कैसी यात्रा थी। जब मैं लॉन्चपैड पर कैप्सूल में बैठा था तो मेरे दिमाग में बस एक ही ख्याल था, चलो बस चलते हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में पहुंचकर माइक्रोग्रैविटी के अनुभव को साझा किया और इसे जीवन का अनूठा एहसास बताया।


फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट पर सवार होकर शुभांशु शुक्ला ने क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए उड़ान भरी। एक्सिओम-4 मिशन पर शुक्ला के साथ तीन और अंतरिक्ष यात्री थे, जिनमें मिशन की कमांडर पैगी व्हिटसन शामिल हैं। वे नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री हैं और तीन अंतरिक्ष मिशनों की अनुभवी हैं। इनके अलावा हंगरी के मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की भी इस मिशन का हिस्सा हैं। शुभांशु शुक्ला इस मिशन पर जाने वाले पहले भारतीय और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले दूसरे भारतीय नागरिक बन गए हैं।




भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका में इस ऐतिहासिक मिशन को लेकर व्यापक उत्साह देखा गया। भारत के लखनऊ से लेकर पोलैंड के डांस्क और अमेरिका के ह्यूस्टन तक लोग इस पल के साक्षी बने। जब फाल्कन 9 रॉकेट ने केनेडी स्पेस सेंटर के ऐतिहासिक LC-39A लॉन्च पैड से उड़ान भरी, तो चारों देशों में उत्साह की लहर दौड़ गई। यही वही लॉन्च पैड है, जहां से जुलाई 1969 में अपोलो 11 ने चंद्रमा की ऐतिहासिक उड़ान भरी थी।


शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान कई बार टली थी। इसे 29 मई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन खराब मौसम और तकनीकी खामियों के चलते इसे कई बार स्थगित करना पड़ा। नासा, स्पेसएक्स और एक्सिओम की टीमों ने एक महीने तक लगातार परीक्षण और सुधार कर इस मिशन को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई। राकेश शर्मा के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं, लेकिन वह पहले भारतीय हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचकर इस नए युग की शुरुआत की है। उनका यह मिशन भारत के लिए गौरव और प्रेरणा का प्रतीक बन गया है।


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