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Hindi Now Uttar Pradesh • 27 Jul 2025, 01:46 pm
लूट का आरोपी 24 घंटे के भीतर मुठभेड़ में गिरफ्तार
बांदा में 24 घंटे के भीतर लूट के आरोपी को पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस ने यह कार्रवाई मुठभेड़ के दौरान की और बदमाश को घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया। यह मुठभेड़ मरका थाना क्षेत्र के औगासी पुल के पास हुई, जहां पुलिस और एसओजी टीम ने बदमाशों को घेर लिया। खुद को घिरता देख बदमाश ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश के पैर में गोली लगी, जिसे मौके पर ही पकड़ लिया गया। पुलिस ने उसके पास से एक अवैध असलहा, एक अपाचे बाइक और 66,000 रुपये लूट की रकम बरामद की है। बताया गया कि बदमाश ने एक दिन पहले ही लूट की वारदात को अंजाम दिया था। अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज सिंह चौहान ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की जांच जारी है और उसके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।
पंखिया गैंग के तीन शातिर बदमाश अरेस्ट
मुरादाबाद पुलिस ने पंखिया गैंग के तीन शातिर बदमाशों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। यह गैंग अब तक जिले भर में लूट और चोरी की 11 वारदातों को अंजाम दे चुका है और इनके खिलाफ दो दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। शुक्रवार तड़के अगवानपुर क्षेत्र में बदमाश एक और वारदात की फिराक में थे। तभी सिविल लाइंस पुलिस से उनकी मुठभेड़ हो गई। गोली लगने से घायल शाहजहांपुर के इशापुर निवासी मंगल सिंह को गिरफ्तार किया गया है, जबकि उसके दो साथी कृष्ण कुमार और अशोक कुमार को घेराबंदी कर पकड़ा गया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से अवैध तमंचा, लूट के रुपये और जेवरात बरामद किए हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गैंग प्रदेशभर में वारदातों को अंजाम देता था। पुलिस ने इन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सिविल लाइंस पुलिस लंबे समय से इस गैंग की तलाश में थी।
गाजीपुर एआरटीओ कार्यालय में फर्जीवाड़ा
गाजीपुर के एआरटीओ कार्यालय में टैक्स चोरी का बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां महिंद्रा स्कॉर्पियो S10 जैसी हाई-सेगमेंट गाड़ियों को कागजों में "नॉन एसी" दिखाकर लाखों रुपये के रोड टैक्स की चोरी की गई है। सूत्रों के मुताबिक बोलेरो और स्कॉर्पियो समेत सैकड़ों वाहनों की श्रेणी जानबूझकर गलत दर्ज की गई है, जिससे टैक्स दर कम हो गई और सरकार को भारी नुकसान हुआ। इस गड़बड़ी में दलालों से लेकर विभागीय कर्मचारियों तक की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर निष्पक्ष जांच हुई तो कई अधिकारियों की भूमिका उजागर हो सकती है। यह मामला सिर्फ कुछ वाहनों तक सीमित नहीं, बल्कि एक बड़े रैकेट की ओर इशारा करता है। गाजीपुर का एआरटीओ कार्यालय पहले भी भ्रष्टाचार के मामलों में घिर चुका है। अब जनता मांग कर रही है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी हिम्मत दोहराई न जा सके।
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