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Hindi Now Uttar Pradesh • 25 Jun 2025, 11:46 am
भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज 25 जून को एक्सिअम मिशन-4 के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरने जा रहे हैं। इस मिशन में उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी शामिल हैं। सभी क्रू मेंबर स्पेसक्राफ्ट में सवार हो चुके हैं और ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का हैच बंद कर दिया गया है। सभी जरूरी कम्युनिकेशन और स्पेस सूट की जांच पूरी कर ली गई है। अब क्रू की सीटें लॉन्च के लिए सेट कर दी गई हैं।
यह मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा। करीब 28.5 घंटे की उड़ान के बाद, 26 जून को शाम 4:30 बजे ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ISS से जुड़ेगा। यह भारत के लिए ऐतिहासिक पल है, क्योंकि शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। इससे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेस मिशन से अंतरिक्ष यात्रा की थी। शुभांशु पहले भारतीय होंगे, जो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन तक पहुंचेंगे। यह मिशन अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा और भारत की इसरो के बीच हुए सहयोग का नतीजा है।
6 बार टल चुकी है एक्सिअम मिशन-4 की लॉचिंग
एक्सिअम मिशन-4 की लॉचिंग छह बार टाली जा चुकी है। पहले तकनीकी खामियों, मौसम की अनिश्चितता और क्रू मेंबर्स की सेहत जैसे कारणों से मिशन को स्थगित किया गया था। इसके साथ ही ISS के मॉड्यूल का मूल्यांकन करने की आवश्यकता भी एक बड़ा कारण रहा। अंत में मिशन की तारीख 25 जून तय की गई है। इस मिशन का उद्देश्य स्पेस में नई टेक्नोलॉजी का परीक्षण और रिसर्च को बढ़ावा देना है। इसके अलावा यह मिशन प्राइवेट स्पेस ट्रैवल को भी गति देने वाला है, क्योंकि एक्सिअम स्पेस भविष्य में एक कॉमर्शियल स्पेस स्टेशन बनाने की योजना पर काम कर रहा है। यह मिशन उस योजना का हिस्सा है जो मानवता को अंतरिक्ष में नई दिशा देने का कार्य करेगा।

कौन हैं शुभांशु?
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना के एक अनुभवी पायलट और अब अंतरिक्ष यात्री हैं। उनका जन्म 1986 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक सैन्य शिक्षा भारत की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से प्राप्त की और साल 2006 में भारतीय वायु सेना में कमीशन प्राप्त किया। वह फाइटर जेट्स उड़ाने में पारंगत हैं और कई वर्षों का उड़ान अनुभव रखते हैं। शुभांशु को भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए भी इसरो (ISRO) द्वारा चयनित किया गया है। इस मिशन के लिए उन्होंने रूस और अमेरिका दोनों देशों में विशेष प्रशिक्षण लिया है। इस प्रशिक्षण के तहत उन्हें माइक्रोग्रैविटी वातावरण में कार्य करना, आपात स्थिति से निपटना और अंतरिक्ष में वैज्ञानिक प्रयोग करना सिखाया गया है। अब वह एक्सिअम मिशन-4 के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की यात्रा करने जा रहे हैं, जिससे वह अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और ISS तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे। उनकी यह यात्रा भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए ऐतिहासिक मानी जा रही है।
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