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Hindi Now Uttar Pradesh • 12 Oct 2025, 07:23 pm
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत के दौरे पर हैं और नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान पड़ोसी देशों के साथ संबंधों और हालिया तनाव को लेकर चर्चा की। जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत के साथ बढ़ती दोस्ती की वजह से पाकिस्तान तनाव बढ़ा रहा है, तो उन्होंने कहा कि इसका उत्तर पाकिस्तान से पूछिए। हमारा सीना बहुत बड़ा। हमारी तरफ से मुश्किल नहीं है। अफगानिस्तान को न तो भारत से और न ही पाकिस्तान से कोई समस्या है। मुत्ताकी ने दोहराया कि उनका देश सभी पड़ोसियों के साथ शांति और सहयोग चाहता है, टकराव नहीं।
मुत्ताकी ने कहा कि अफगानिस्तान का रुख हमेशा क्षेत्रीय सहयोग की ओर रहा है और वह किसी भी तरह की बढ़ती शत्रुता को बढ़ावा नहीं देना चाहता। उन्होंने यह भी कहा कि आम लोगों और सरकारों के बीच वैमनस्य अलग चीज है और अफगानिस्तान का दिल बड़ा है। वह पड़ोसियों से बेहतर रिश्ते की उम्मीद रखता है। इस संदर्भ में उन्होंने पाकिस्तान के साधारण नागरिकों के प्रति अपना सकारात्मक रुख बरकरार रखा।
अफगानिस्तान में अब टीटीपी की मौजूदगी नहीं
प्रेस वार्ता में टीटीपी (तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) की मौजूदगी को लेकर पूछे गए सवाल पर मुत्ताकी ने कहा कि अब अफगानिस्तान में टीटीपी की मौजूदगी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों के चलते कई लोग अपने घरों से बेघर हुए और कुछ शरणार्थियों के रूप में अफगानिस्तान आ गए, जिन्हें अफगान पक्ष ने सुरक्षा प्रदान की। मुत्ताकी ने याद दिलाया कि जब अमेरिका और उसकी समर्थित सरकार वहां थी, तब भी ऐसे लोग अफगानिस्तान में रहे और अब वे शांति के साथ अफगान धरती पर हैं।
पाक-अफगान सीमा को सिर्फ सैन्य बल से नियंत्रित नहीं किया जा सकता
मुत्ताकी ने ड्यूरंड लाइन का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा बहुत लंबी है और सिर्फ सैन्य बल से इसे पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सकता। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि पाकिस्तान वास्तव में शांति चाहता है तो वह अपनी जमीन पर मौजूद आतंकी समूहों को नियंत्रित क्यों नहीं कर पाता। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ शक्तियां दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा रही हैं जबकि आम जनता शांति चाहती है।
पाक से सीमा तनाव पर कहा- हमने सिर्फ अपनी रक्षा की
हालिया सीमा तनाव के सिलसिले में मुत्ताकी ने कहा कि जब पाकिस्तान की ओर से हमले हुए तो अफगानिस्तान ने अपनी सीमाओं की रक्षा करते हुए जवाबी कार्रवाई की और निर्धारित सैन्य लक्ष्य हासिल किए। उन्होंने बताया कि कतर और सऊदी अरब जैसे मित्र देशों की मध्यस्थता और अनुरोध पर अफगानिस्तान ने स्थिति को शांत करने की दिशा में कदम उठाया। बावजूद इसके, उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर पाकिस्तान शांति व अच्छे रिश्तों को प्राथमिकता नहीं देता तो अफगानिस्तान के पास और विकल्प मौजूद हैं। फिर भी उनका प्राथमिक लक्ष्य युद्ध नहीं, बल्कि स्थायी शांति है।
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