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Hindi Now Uttar Pradesh • 05 Oct 2025, 03:06 pm
बरेली में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में अलग-अलग थानों व अलग-अलग धाराओं में कुल दस मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें पांच कोतवाली, दो बारादरी और एक-एक कैंट, प्रेमनगर व किला थाने में दर्ज हुए हैं। पुलिस ने इन मुकदमों में 126 लोगों को नामजद और 3225 अज्ञात व्यक्तियों को आरोपी बनाया है।
अब तक की कार्रवाई में मौलाना तौकीर और नफीस समेत 89 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर 83 को जेल भेजा जा चुका है, जबकि छह का शांतिभंग में चालान किया गया। शेष फरार आरोपियों की तलाश के लिए लगातार दबिश दी जा रही है, मगर वे पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
पुलिस ने वांछित उपद्रवियों पर गैर-जमानती वारंट जारी कराने और उन पर इनाम घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द गिरफ्तारी न होने पर कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी।
मुख्य आरोपियों पर इनाम घोषित करने की तैयारी
मुख्य फरार उपद्रवियों में अल्तमश रजा खां, साजिद सकलैनी और अहसानुल हक चतुर्वेदी समेत कई नाम सामने आए हैं। इनमें से आईएमसी से जुड़े चार-पांच उपद्रवियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित करने की तैयारी है। इस बीच उपद्रवियों की पहचान और गिरफ्तारी में जनता भी पुलिस की मदद कर रही है। पुलिस की गोपनीय हेल्पलाइन 9917020009 पर अब तक 12 पुख्ता सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।
पुलिस को डाक से मिल रहीं खूफिया सूचनाएं
इसके अलावा डाक के जरिए छह और शिकायती पत्र के रूप में एक सूचना मिली है। खास बात यह है कि सूचना देने वाले सभी लोग समुदाय विशेष से जुड़े हैं, जिन्होंने माहौल शांत रखने के लिए सहयोग किया है। उनके सहयोग से ही आरोपियों को पकड़ने में पुलिस को कामयाबी मिल सकती है। अब पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसी भी सूरत में उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बरेली में 26 सितंबर को क्या हुआ था?
मालूम हो कि 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद बरेली में दंगा भड़क गया था। यह भीड़ आरोपी मौलाना तौकीर रजा के कहने पर जुटी थी। उसने प्रदर्शन का एलान किया था, बाद में खुद मैदान पर नहीं आया। पुलिस ने उपद्रवियों को रोका तो उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस घटना में 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। हालात काबू में करने के लिए बाद में मजबूरन पुलिस को लाठियां भांजकर दंगाइयों को भगाना पड़ा।
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