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Hindi Now Uttar Pradesh • 29 Oct 2025, 03:13 pm
कानपुर में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नाती व दवा कारोबारी आलोक मिश्रा के इकलौते बेटे आरव मिश्रा की मौत से पूरे परिवार में कोहराम मच गया है। 16 वर्षीय आरव द जैन इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 11 का छात्र था, सोमवार को अपने घर में फंदे से लटका मिला। पोस्टमार्टम हाउस से शव लेकर लौटे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल रहा। मां दिव्या और बहन मान्या बार-बार आरव को याद कर चीखते रहे। वे बोलते रहे कि हम क्यों चले गए थे तुमको छोड़कर, लौट आओ बेटा। घर का माहौल मातम में डूब गया है।
कोहना थाना प्रभारी विनय तिवारी के मुताबिक जांच में सामने आया है कि आरव पिछले एक साल से सीजोफ्रेनिया बीमारी से पीड़ित था। उसने अपने परिवार को बिना बताए गूगल पर इस बीमारी के बारे में लगभग 60 से 65 बार सर्च किया था। उसके मोबाइल की जांच से यह तथ्य सामने आया है। पुलिस का कहना है कि आरव लगातार लक्षणों को लेकर इंटरनेट से जानकारी जुटाता रहा और मानसिक तनाव में था। फॉरेंसिक टीम को उसके मोबाइल के नोटपैड में एक संदेश मिला, जिसमें अंग्रेजी में लिखा था कि “कुछ लोग कहते हैं कि खुद जान दे दो या मां-बाप और बहन को मार दो। यह संकेत सीजोफ्रेनिया की गंभीर अवस्था का माना जाता है। परिजनों ने बताया कि दीपावली पर आरव ने बहन मान्या को बताया था कि उसे सपने में कुछ आवाजें सुनाई देती हैं, जो उसे डराती हैं, लेकिन घर में छठ पूजा की तैयारियों के कारण किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
सोमवार को जब घर में आरव और उसकी दादी नीलम अकेले थे, तब यह घटना हुई। शाम करीब 4:30 बजे दादी ने उसे आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा अंदर से बंद था। पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया, तो आरव फंदे से लटका मिला। दादी नीलम यह दृश्य देखकर बेहोश हो गईं। आरव एक मेधावी छात्र और राज्य स्तरीय स्विमिंग खिलाड़ी था। उसने हाईस्कूल में 97 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। उसकी बहन मान्या ने भी स्कूल में टॉप किया था। घटना की जानकारी मिलने पर स्कूल में शोक की लहर दौड़ गई। शिक्षक और साथी छात्र विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि इतना होनहार बच्चा इस तरह का कदम उठा सकता है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. धनंजय चौधरी के अनुसार, सीजोफ्रेनिया में व्यक्ति को आदेशात्मक आवाजें सुनाई पड़ती हैं और मतिभ्रम होता है। यह मस्तिष्क के डोपामीन न्यूरोकेमिकल के असंतुलन से उत्पन्न होता है। ऐसे लक्षण दिखने पर परिजनों को तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। आरव की मौत ने यह चेतावनी दी है कि मानसिक बीमारियों को नज़रअंदाज़ करना कितना खतरनाक हो सकता है। अब परिवार के लोग गहरे सदमे में हैं, जबकि पिता आलोक मिश्रा बेटे का नाम बुदबुदाते हुए बेसुध बैठे हैं।
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