शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन, मां को खुश करने का आखिरी मौका, ऐसे करें पूरा तो हर बाधा होगी दूर!

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 30 Sep 2025, 07:25 pm
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बुधवार को शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन है। यह नवां दिन मां सिद्धिदात्री का माना जाता है और मां को खुश करने का आज अंतिम दिन है। मां को खुश करने से कार्य सिद्ध होते हैं और मोक्ष मिलता है। आइये मां की पूजा विधि और भोग सबकुछ जानते हैं।

शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा के लिए समर्पित होता है। देवी का यह रूप मोक्ष और कार्य सिद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है। इसलिए इन्हें मां सिद्धिदात्री कहा जाता है। शास्त्रों में भी इसका वर्णन है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा और आरती करने से साधक को जीवन के दुखों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। नवरात्रि के नौवें दिन माता की पूजा के बाद कन्या पूजन और फिर व्रत का पारण किया जाता है।


मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान होती हैं और चार भुजाओं से युक्त होती हैं। उनके दाहिने ओर नीचे वाले हाथ में कमल और ऊपर वाले हाथ में शंख विराजमान होता है। बाईं ओर नीचे वाले हाथ में गदा और ऊपर वाले हाथ में चक्र सुशोभित होता है। लाल वस्त्र धारण किए माता का स्वरूप शक्ति और शांति का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां सिद्धिदात्री की कृपा से आठ सिद्धियां प्राप्त होती हैं। यह सिद्धियां अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राकाम्य, प्राप्ति, वशित्व और ईशित्व हैं। देवता, असुर और गंधर्व सभी ने इन सिद्धियों को माता की आराधना से पाया। भक्त जो नौ दिनों तक नवरात्रि का व्रत रखते हैं और अंतिम दिन कन्या पूजन करते हैं, उन्हें विशेष आशीर्वाद मिलता है।


मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि

पूजा विधि में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर और मंदिर की सफाई का विशेष महत्व है। इसके बाद गंगाजल छिड़ककर पवित्र वातावरण बनाना चाहिए। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां सिद्धिदात्री की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। फूल, दीप, अगरबत्ती, नारियल, चावल और पंचामृत से माता का पूजन करें। हवन करना इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है, इसलिए देवी-देवताओं के मंत्रों का उच्चारण कर हवन करना चाहिए। पूजा के अंत में भोग अर्पित कर आरती उतारें और पूरे परिवार के साथ माता के जयकारे लगाएं। इसके बाद कन्या पूजन कर उन्हें भोजन कराना अनिवार्य माना गया है।


मां सिद्धिदात्री को भोग कैसे लगाएं?

मां सिद्धिदात्री को भोग स्वरूप हलवा, पूड़ी, चना, मौसमी फल, खीर और नारियल अर्पित किया जाता है। यह प्रसाद माता को प्रिय है और इससे भक्तों पर देवी की कृपा बनी रहती है। परंपरा के अनुसार इस दिन जामुनी या बैंगनी रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।

नवरात्रि के इस पावन दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा कर भक्त न केवल अपने जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति पाते हैं, बल्कि मोक्ष और सिद्धियों की प्राप्ति भी कर सकते हैं।



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