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Hindi Now Uttar Pradesh • 06 Aug 2025, 07:19 pm
उत्तर प्रदेश के युवाओं को अब रोजगार के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब उन्हें राजधानी लखनऊ और कानपुर में ही अच्छी सैलरी वाली नौकरी मिल सकेगी। इसको लेकर लखनऊ-कानपुर कॉरिडोर को यूपी का नया रोजगार हब बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। इसके तहत यह योजना है कि रोजगार के ऐसे अवसर विकसित किए जाएं, जिनमें कम से कम 50,000 रुपये प्रति माह से अधिक वेतन हो। अभी तक राज्य में ज्यादा तनखाह वाली नौकरियों का केंद्र मुख्यतः नोएडा और एनसीआर क्षेत्र रहा है, लेकिन अब राज्य सरकार टियर-2 शहरों को भी इसी श्रेणी में लाने के लिए प्रयास कर रही है।
सरकार की इस पहल के तहत लखनऊ-कानपुर कॉरिडोर में ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर (GCC) मॉडल लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि राज्य के बाहर नौकरी कर रहे 20 लाख से अधिक हाई स्किल युवाओं को प्रदेश में वापस लाया जा सके। सरकार का लक्ष्य इस क्षेत्र में कम से कम दो लाख उच्च स्तरीय नौकरियों का सृजन करना है। परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए हर मंजूरी के लिए तय समयसीमा भी निर्धारित की गई है। इस कॉरिडोर में उन्नाव भी शामिल है और इसके साथ ही प्रयागराज, आगरा, बरेली, गोरखपुर और वाराणसी को भी इस योजना में शामिल किया गया है। इस पूरे बेल्ट में पहले से दो डिफेंस कॉरिडोर सक्रिय हैं और 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं। यहां देश का पहला एआई विश्वविद्यालय (चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी) स्थापित हो चुका है। साथ ही देश की दूसरी कैन निर्माता कंपनी, हीरानंदानी लॉजिस्टिक पार्क और एक इंटरनेशनल बीयर निर्माता का प्लांट भी यहां आ चुका है। लगभग 14 से अधिक डिफेंस कंपनियां भी इस क्षेत्र में निवेश कर चुकी हैं।
यह क्षेत्र वैश्विक कंपनियों के लिए आदर्श बनता जा रहा है, जिसमें बैंकिंग, कंसल्टिंग, फाइनेंस और बीमा जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों के आने की संभावना जताई जा रही है। ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर के तहत ग्लोबल हब, सैटेलाइट ऑफिस, आउटसोर्सिंग और क्लस्टर ऑफिस जैसी संरचनाएं विकसित की जाएंगी। साथ ही 40 आईटी पार्क और 25 स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इन प्रयासों से इस क्षेत्र में विश्वस्तरीय डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, होटल और मॉल का भी स्वतः विकास होगा। इन तमाम विकास योजनाओं से प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी की उम्मीद है और अगले दो वर्षों में दो लाख से अधिक उच्च वेतन वाली नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा गया है।
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