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Hindi Now Uttar Pradesh • 13 Sep 2025, 11:21 am
प्रयागराज में यूपीएससी की तैयारी कर रहे 17 वर्षीय छात्र ने लड़की बनने की चाहत में ऐसा कदम उठा लिया, जिसने सभी को हैरान कर दिया। अमेठी निवासी छात्र प्रयागराज के सिविल लाइंस इलाके में किराए के कमरे में रह रहा था। उसने इंटरनेट और निजी चिकित्सक की सलाह पर खुद को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर निजी अंग काट लिया। हालत बिगड़ने पर उसे बेली अस्पताल और वहां से एसआरएन अस्पताल रेफर किया गया।
निजी डॉक्टर के कहने पर उठाया खौफनाक कदम
जानकारी के मुताबिक छात्र अक्सर गूगल और यूट्यूब पर जेंडर बदलने से जुड़ी जानकारी देखा करता था। इसी बीच कटरा स्थित एक निजी चिकित्सक से उसकी मुलाकात हुई। उसने डॉक्टर को बताया कि वह खुद को लड़की की तरह महसूस करता है और जेंडर बदलना चाहता है। डॉक्टर ने उसे पहले निजी अंग काटने की सलाह दी और तरीका भी बताया।
डॉक्टर की बात मानकर छात्र ने एनेस्थीसिया का इंजेक्शन, सर्जिकल ब्लेड, रुई और अन्य सामान खरीदा। कमरे पर अकेले ही इंजेक्शन लगाने के बाद उसने निजी अंग काट लिया और पट्टी कर ली। करीब छह घंटे बाद जब एनेस्थीसिया का असर खत्म हुआ तो दर्द से व्याकुल होकर उसने मकान मालिक को बुलाया। एंबुलेंस से उसे अस्पताल पहुंचाया गया।
लड़कियों में कोई दिलचस्पी नहीं
अस्पताल में छात्र ने बताया कि उसे लड़कियों में कोई दिलचस्पी नहीं है। उसकी आवाज और हाव-भाव लड़कियों जैसे लगते हैं, इसलिए वह जेंडर बदलना चाहता था। उसे यह अंदाजा नहीं था कि उसकी जान भी जा सकती है। वहीं, छात्र की मां ने बताया कि बेटे को आईएएस बनाने का सपना था। इसी वजह से उसे प्रयागराज भेजा गया था। लेकिन बेटे के मन में क्या चल रहा था, यह कभी पता ही नहीं चला। अब बस यही प्रार्थना है कि वह पूरी तरह ठीक हो जाए।
जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर
एसआरएन अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि प्राथमिक उपचार के बाद छात्र को प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर किया गया है। विभागाध्यक्ष डॉ. मोहित जैन के अनुसार प्रयास किया जा रहा है कि उसे सामान्य स्थिति में लाया जा सके। मनोचिकित्सक इसे जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर कहा जाता है। ऐसे मामलों में काउंसलिंग जरूरी होती है। समाजशास्त्र प्रो. आशीष सक्सेना का कहना है कि समाज में महिला सम्मान के प्रति आकर्षण और पुरुषों को कम महत्व दिए जाने की भावना भी ऐसे मामलों का कारण बन सकती है।