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Hindi Now Uttar Pradesh • 17 Sep 2025, 02:11 pm
वर्ष 2047 में जब देश स्वतंत्रता की शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, तब तक उत्तर प्रदेश के हर व्यक्ति की वार्षिक आय मौजूदा स्तर से 26 गुना अधिक हो जाएगी। सरकार ने 22 वर्षों में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को 26 लाख रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नियोजन विभाग एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने की दिशा में काम शुरू कर रहा है।
जब देश ने 1947 में आजादी प्राप्त की थी, उस समय उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर थी। लेकिन बाद के दशकों में विकास की गति धीमी रहने के कारण प्रदेश की स्थिति कमजोर होती गई और धीरे-धीरे राष्ट्रीय औसत के मुकाबले आधी रह गई। हालांकि, हाल के वर्षों में विकास की गति बढ़ने से इसमें कुछ सुधार हुआ है।
वर्ष 2017-18 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की तुलना में 50.30 प्रतिशत थी। लेकिन वर्ष 2024-25 तक इसमें सुधार दर्ज किया गया और यह बढ़कर 52.90 प्रतिशत तक पहुंच गई। यानी बीते आठ वर्षों में राष्ट्रीय औसत की तुलना में 2.60 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2017-18 में जहां देश की प्रति व्यक्ति आय 1,15,224 रुपये थी, वहीं उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मात्र 57,944 रुपये थी।
नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2024-25 में देश की प्रति व्यक्ति आय का औसत 2,05,324 रुपये है, जबकि उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1,08,572 रुपये तक पहुंच गई है। नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा है कि प्रति व्यक्ति आय को 26 लाख रुपये तक ले जाने के लिए जल्द ही विस्तृत रणनीति तैयार की जाएगी। इसमें प्रदेश की जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखकर विकास का खाका तैयार होगा।
पिछले आठ वर्षों के आंकड़े इस दिशा में सकारात्मक संकेत दे रहे हैं। वर्ष 2017-18 से 2024-25 के बीच राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय की सालाना औसत वृद्धि दर 11.17 प्रतिशत रही है। वहीं, इसी अवधि में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय की औसत वार्षिक वृद्धि दर 12.48 प्रतिशत रही। इसका अर्थ है कि प्रदेश में आय वृद्धि की रफ्तार राष्ट्रीय औसत से 1.31 प्रतिशत अधिक है। यदि यही गति बनी रही तो आने वाले वर्षों में यूपी देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा सकता है और 2047 तक निर्धारित लक्ष्य हासिल करना संभव होगा।