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            Hindi Now Uttar Pradesh • 31 Oct 2025, 03:28 pm
        
 
        
        
     
    
    
        मथुरा के वृंदावन में विराजमान ठाकुर श्रीबांकेबिहारी जी करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। भगवान के नाम पर अलग-अलग बैंकों में जमा यह धनराशि की अब फिक्स डिपॉजिट यानी एफडी भी की जाएगी। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक ठाकुरजी के 12 बैंकों में खाते हैं, जिनमें लगभग साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये जमा हैं। इनमें सर्वाधिक राशि भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और केनरा बैंक की शाखाओं में है। वर्तमान में यह धनराशि मल्टी ऑप्शनल डिपॉजिट (एमओडी) के रूप में रखी गई है, जिस पर ब्याज दर अपेक्षाकृत कम है। अब इसे एफडी में बदलने का निर्णय लिया गया है, ताकि मंदिर को अधिक ब्याज लाभ मिल सके।
श्रीबांकेबिहारी मंदिर हाईपावर कमेटी के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जज अशोक कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को मंदिर के खाते रखने वाले बैंकों के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी बैंकों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया गया कि वे ठाकुरजी के खातों का पूरा ब्यौरा पेश करें और जमा राशि को एफडी में परिवर्तित करने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करें। अशोक कुमार ने बताया कि अनुमानित रूप से ठाकुरजी के पास लगभग 350 करोड़ रुपये की धनराशि विभिन्न बैंकों में है, लेकिन सटीक आंकड़ा प्राप्त होने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पहले से कुछ रकम एफडी के रूप में जमा है, जिसकी मेच्योरिटी डेट आने वाले महीनों में है। ऐसी एफडी को दोबारा अच्छे ब्याज दर पर नवीनीकृत कराया जाएगा।
बैठक में मंदिर प्रबंधक को सभी खातों का रिकॉर्ड व्यवस्थित करने और लिस्टिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। कमेटी की अगली बैठक 19 नवंबर को होगी, जिसमें अब तक की प्रगति रिपोर्ट पेश की जाएगी। इसके अलावा तीन बैंकों में अधिक राशि होने की पुष्टि की गई है, जबकि अन्य बैंकों में ठाकुरजी की एफडी, सेविंग एकाउंट और अन्य सामान की जानकारी इकट्ठी की जा रही है। अध्यक्ष ने यह भी निर्देश दिए कि मंदिर प्रबंधन सभी बैंकों की संपत्तियों, एफडी और खातों का एक विस्तृत इन्वेंटरी तैयार करे। साथ ही बैंकों से उन सभी सेविंग खातों का भी ब्यौरा मांगा गया है, जिनमें ठाकुरजी की राशि जमा है। मंदिर प्रशासन का मानना है कि इस कदम से न केवल मंदिर की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी, बल्कि भविष्य में निधियों के पारदर्शी प्रबंधन को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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