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            Hindi Now Uttar Pradesh • 31 Oct 2025, 04:55 pm
        
 
        
        
     
    
    
        परेश रावल की नई फिल्म “द ताज स्टोरी” को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। अब समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन ने इस फिल्म पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस फिल्म के जरिए भाजपा समाज में जानबूझकर वैमनस्य और तनाव फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और उसके नेताओं की सोच के अनुरूप अब फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है, ताकि इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा सके।
सपा सांसद ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी भाजपा के नेता ताजमहल को तेजोमहालय बताकर ऐतिहासिक तथ्यों को गलत साबित करने का प्रयास कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग इतिहास को झुठलाने और तथ्यों के विपरीत बातें करने के लिए जाने जाते हैं। देश में वही पढ़ाया और दिखाया जा रहा है, जो भाजपा को सही लगता है। उन्होंने इसे भाजपा के एजेंडे का हिस्सा बताया और कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि ताजमहल मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था, जो एक ऐतिहासिक सत्य है।
फिल्म के जरिए भाजपा का मकसद समाज में तनाव पैदा करना
रामजीलाल सुमन ने कहा कि भाजपा का मकसद समाज में तनाव पैदा करना है। उनके पास अपना कोई गौरवशाली इतिहास नहीं है, इसलिए वे ऐतिहासिक सच्चाइयों को झूठा साबित करने में लगे हैं। उन्होंने फिल्म मेकर्स पर भी सवाल उठाए और कहा कि आज वही फिल्में बन रही हैं जो भाजपा के हित में हैं। इन फिल्मों का सत्यता से कोई संबंध नहीं है। फिल्म निर्माता यह भलीभांति जानते हैं कि सरकार को कौन-सी बातें पसंद आएंगी, इसलिए वे उसी दिशा में काम कर रहे हैं।
द ताज स्टोरी को लेकर दर्शकों में उत्सुकता, पोस्टर किया गया रिलीज
विवाद के बीच परेश रावल की फिल्म “द ताज स्टोरी” के प्रति दर्शकों में उत्सुकता भी बनी हुई है। हाल ही में इसका पोस्टर रिलीज किया गया, जिसमें लिखा गया “ताजमहल, मुगल वास्तुकला या भारतीय वास्तुकला? जब इंसाफ के पलड़े 400 साल पुराने इतिहास के खिलाफ झुक जाते हैं। फिल्म में परेश रावल मुख्य भूमिका में हैं, जबकि जाकिर हुसैन खलनायक के रूप में दिखाई देंगे।
परेश रावल निभा रहे गाइड का किरदार, ताजमहल को बताते हैं मंदिर
ट्रेलर में परेश रावल विष्णु दास नामक एक हिंदू गाइड का किरदार निभा रहे हैं, जो ताजमहल को अपना मंदिर बताता है और उसकी सच्चाई उजागर करने का संकल्प लेता है। कहानी तब रोमांचक हो जाती है, जब यह मामला अदालत तक पहुंचता है और स्मारक की जांच की मांग उठती है। फिल्म में अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म ताजमहल की ऐतिहासिक बहस को एक नए नजरिए से प्रस्तुत करने की कोशिश करती है।
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