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Hindi Now Uttar Pradesh • 14 Sep 2025, 02:25 pm
गाजियाबाद में लग्जरी कार चोरी के बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है। हैरानी की बात यह है कि इसमें पुलिस विभाग का एक सिपाही भी शामिल है और वह इस गैंग का सरगना भी है। यह सिपाही लंबे समय से सलमानी गैंग की मदद से कार चोरी कराता था और अब तक 50 से अधिक लग्जरी गाड़ियां चोरी करवाकर बेच चुका है। पुलिस के मुताबिक आरोपी सिपाही गाड़ियों की डिमांड वॉट्सऐप पर भेजता था और फिर गैंग के सदस्य दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों से कार चोरी कर लाते थे। चोरी की गई कारों को हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली तक बेचा गया। मामले के उजागर होने के बाद शनिवार देर रात आरोपी सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है। हालांकि गैंग के खुलासे के बाद से वह फरार है।

गाजियाबाद पुलिस ने 1 सितंबर को सलमानी गैंग के चार सदस्यों मोहम्मद चांद, सूफियान, उवेस और बृजमोहन को गिरफ्तार किया था। इनके पास से सात चोरी की कारें, फर्जी नंबर प्लेट और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गैंग अब तक 60 के करीब लग्जरी गाड़ियां चुरा चुका है। जांच में सामने आया कि लोनी थाने में तैनात सिपाही मनीष कुमार चौहान ही पूरे गैंग को संचालित करता था। वह वॉट्सऐप कॉल पर बताता था कि किस तरह की गाड़ी चाहिए, फिर गैंग उसे चुरा लेता और उसके बताए स्थान पर पहुंचा देता। गाड़ियां मुरादनगर की एक फैक्ट्री और कौशांबी बस स्टैंड के पास खाली जगह में रखी जाती थीं।
पुलिस को पूरे मामले का सुराग तब लगा, जब लिंक रोड इलाके से चोरी हुई ब्रेजा कार की तलाश में 300 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले गए। जांच के दौरान कार मुरादनगर की फैक्ट्री में मिली और वहां पर सिपाही मनीष भी मौजूद था। पुलिसवालों को भ्रमित करने के लिए उसने उन्हें चाय पिलाने का बहाना किया और इस बीच गैंग के सदस्यों से चोरी की कार को हटवा दिया। हालांकि, पुलिस ने पहले ही गाड़ी में GPS ट्रैकर लगा दिया था, जिसकी मदद से कुछ ही समय बाद कार को बागपत जिले से बरामद कर लिया गया।
मनीष का पुलिस महकमे में काफी रसूख माना जाता था। वह 2006 बैच का हेड कॉन्स्टेबल है और मुजफ्फरनगर के खतौली का रहने वाला है। गाजियाबाद में उसकी गिनती एक चर्चित इंस्पेक्टर के करीबी के रूप में होती थी। लोनी और मुरादनगर थानों में भी उसका दबदबा था। यह पहला मौका नहीं है जब मनीष विवादों में आया हो। हापुड़ में तैनाती के दौरान 2019 में उसके खिलाफ कस्टडी में मौत के मामले में हत्या का केस दर्ज हुआ था और तब उसे जेल भेजा गया था। गढ़ थाने में तैनाती के समय भी वह सस्पेंड हो चुका है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि मनीष कुमार की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है और विभागीय रिपोर्ट तलब की गई है। फिलहाल उसके खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है। गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि मनीष पूरे नेटवर्क को ऑपरेट करता था और देशभर के कई राज्यों में चोरी का बड़ा नेटवर्क फैला हुआ है।
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