'बलराम ठाकुर जिंदाबाद, ठाकुर साहब जिंदाबाद', एनकाउंटर में मारे गए बदमाश के लिए भीड़ ने लगाए नारे

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 22 Sep 2025, 07:28 pm
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यूपी के गाजियाबाद से हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एनकाउंटर में मारे गए दुजाना गैंग के लीडर बलराम ठाकुर का शव उसके गांव ले जाते समय भीड़ ने जिंदाबाद के नारे लगाए हैं। आइये पूरा मामला जानते हैं।

गाजियाबाद में एनकाउंटर में मारे गए अनिल दुजाना गैंग के लीडर बलराम ठाकुर का शव सोमवार को पोस्टमॉर्टम के बाद बुलंदशहर के जहांगीराबाद स्थित उसके घर पहुंचा। पुलिस फोर्स की मौजूदगी में शव घर लाए जाने के दौरान सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। गाड़ियों के काफिले के साथ एंबुलेंस में शव और उसके पीछे 4-5 वाहनों में समर्थक हुड़दंग और नारेबाजी करते हुए पहुंचे। लोग दरवाजे पर खड़े होकर ‘बलराम ठाकुर जिंदाबाद’, ‘ठाकुर साहब जिंदाबाद’, ‘हमारा ठाकुर कैसा हो…बलराम ठाकुर जैसा हो’ जैसे नारे लगाने लगे। भीड़ ने करीब 20 मिनट तक नारेबाजी की। इस दौरान महिलाएं रोती दिखीं और बिजली कट जाने पर मोबाइल टॉर्च जलाकर हंगामा किया।


सन 97 से शुरू हुआ बलराम का आपराधिक जीवन

बलराम ठाकुर का आपराधिक जीवन 1997 में शुरू हुआ, जब उन्होंने अलीगढ़ के क्वारसी में अपने साले रामवीर की हत्या की। जेल से रिहाई के बाद उसने लूट, रंगदारी और हत्याओं के जरिए गैंग का दायरा बढ़ाया। मई 2023 में गैंग के मुखिया अनिल दुजाना के एनकाउंटर के बाद बलराम ने गैंग की कमान संभाली। बुलंदशहर, अलीगढ़, रामपुर, नोएडा और गाजियाबाद में उस पर हत्या, अपहरण, रंगदारी सहित 34 से अधिक मामले दर्ज थे। बलराम पर 50 हजार रुपये का इनाम था। उसने 2015 में बुलंदशहर जेल में सिपाही गोपाल की हत्या की सुपारी दी थी। इसके अलावा गैंग के जरिए नोएडा और मेरठ में पुलिसकर्मियों और व्यापारियों की हत्या और अपहरण जैसी घटनाएं हुईं।


बलराम की वजह से परिवार का जीवन भी रहा प्रभावित

बलराम के माता-पिता का जीवन भी उसके अपराधों से प्रभावित रहा। पिता श्याम सिंह बुलंदशहर के संपन्न किसान थे और 2019 में उनका निधन हो गया। बलराम की 72 वर्षीय मां ने बेटे का शव देखकर कहा कि उसे 8 गोलियां मारी गईं। बलराम की पत्नी ने उसे छोड़ा था, जबकि छोटा भाई नीरज वर्तमान में पुलिस हिरासत में है।


शनिवार रात हुआ था बलराम का एनकाउंर

शनिवार रात गाजियाबाद में पुलिस ने बलराम ठाकुर को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। घटना के समय वह अपने तीन साथियों के साथ कार में था और पुलिस ने घेराबंदी की। बदमाशों ने फायरिंग की, जिसमें पुलिस की गाड़ी पर पांच गोली लगी और तीन पुलिसकर्मी घायल हुए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने करीब 15 राउंड फायरिंग की, जिससे बलराम ढेर हो गया जबकि उसके साथी फरार हो गए। एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह और क्राइम ब्रांच स्वाट टीम प्रभारी अनिल राजपूत ने इस कार्रवाई में हिस्सा लिया।


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