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Hindi Now Uttar Pradesh • 03 Aug 2025, 11:14 am
प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। इससे स्थिति गंभीर हो गई है। रविवार को गंगा का जलस्तर 86 मीटर के करीब पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 84.734 मीटर है। जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी से बाढ़ का संकट और गहरा गया है। शनिवार देर रात बांध में रिसाव की सूचना से हड़कंप मच गया, जिसके बाद बालू की बोरियों से बांध की मरम्मत की गई।
नदियों का उफान अब शहर के पॉश इलाकों अशोक नगर और राजापुर की ओर बढ़ रहा है। वहीं भारी बारिश ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया है। अब तक हजारों घर जलमग्न हो चुके हैं और बाढ़ राहत शिविरों में शरण लेने वालों की संख्या 10 हजार पार कर चुकी है। अनुमान है कि यह संख्या और भी बढ़ सकती है। प्रशासन अब राहत और बचाव कार्य तेज करने में जुटा है, लेकिन हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। पानी का स्तर अगर यूं ही बढ़ता रहा, तो आने वाले दिन और भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
3 अगस्त को सुबह 8 बजे तक की स्थिति
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फाफामऊ: गंगा का जलस्तर 85.49 मीटर तक पहुंच गया है। चार घंटे में 12 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है।
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छतनाग घाट: गंगा जलस्तर 84.81 मीटर दर्ज किया गया है। यहां भी चार घंटे में 12 सेंटीमीटर बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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नैनी: यमुना का जलस्तर 85.84 मीटर मापा गया, जो खतरे के निशान 84.738 मीटर से काफी ऊपर है।
2013 जैसी भयावह प्रलय की आशंका
गंगा और यमुना का रौद्र रूप लगातार जारी है। दोनों नदियों ने 85 मीटर का लेवल पार कर लिया है और जलस्तर में अब भी वृद्धि हो रही है। इससे 2013 जैसी भयावह स्थिति की आशंका गहराती जा रही है। हालांकि पीछे की ओर जल का बहाव स्थिर हो गया है। इससे उम्मीद है कि रविवार शाम तक दोनों नदियों का जलस्तर स्थिर हो सकता है। शनिवार को टोंस, ससुरखदेरी और अन्य सहायक नदियों में भी उफान देखा गया। यमुना के किनारे बसे कछारी इलाकों की बस्तियों में शनिवार सुबह पानी भर गया। प्रशासन के अनुसार, 61 गांव और मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं, जबकि शहर में लगभग 50 मोहल्ले पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। इससे लगभग एक लाख परिवारों को व्यापक रूप से नुकसान पहुंचा है।
राहत शिविरों में भी नहीं मिली राहत
बाढ़ से विस्थापित सैकड़ों परिवार राहत शिविर में शरण ले रहे हैं। अब तक 10 हजार के आसपास शरणार्थी राहत शिविर पहुंच चुके हैं। इन राहत शिविरों में भी उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन शिविरों में समय से नाश्ता और खाना नहीं पहुंच रहा है। कई शिविरों से इस तरह की शिकायतें सामने आईं हैं। एसडीएम सदर अभिषेक सिंह ने भोजन आपूर्ति करने वाली एजेंसी को दो नोटिस जारी किए हैं और एजेंसी बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शनिवार शाम तक 13 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए थे, लेकिन व्यवस्थाएं अपर्याप्त रहीं।
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