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Hindi Now Uttar Pradesh • 04 Oct 2025, 10:32 am
देश का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली बहुत नजदीक है। इस बार यह पर्व 20 अक्टूबर को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। यह त्योहार खुशी, रोशनी और नएपन का प्रतीक माना जाता है। लोगों के घर धन-धान्य से भरे रहें, इसको लेकर इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा होती है। मां लक्ष्मी की पूजा से पहले घर की साफ-सफाई का बड़ा महत्व होता है। यही वजह है कि लोग 15 दिन पहले से ही घरों की साफ सफाई में जुट जाते हैं। खास बात यह है कि साफ-सफाई में भी कुछ बातें ध्यान देने वाली होती हैं, जैसे कि साफ-सफाई कैसे करनी है? वास्तु के हिसाब से घर का सामान कैसे सेट करना है और सजावट कैसे करनी है? मां लक्ष्मी की कृपा उन्हीं घरों में बरसती है, जहां साफ-सफाई अच्छी होती है। इसलिए जरूरी है कि आपके घर में भी मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे। तो आइये कुछ विशेष बातों को जान लेते हैं।
घर की साफ-सफाई कैसे करें?
दीपावली के अवसर पर घर की सफाई करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सबसे पहले हमें उन सामानों को घर से हटा देना चाहिए, जो हमारे इस्तेमाल में नहीं है। उन्हें बालकनी या स्टोर रूम में रख दें, ताकि घर खाली और व्यवस्थित लगे। सफाई की शुरुआत पंखों, खिड़कियों और दरवाजों से करें। इसके बाद छत व कोनों में लगे मकड़ जालों को साफ करें और दीवारों को कपड़े से पोंछें। जब कमरों की सफाई पूरी हो जाए तो रसोई पर विशेष ध्यान दें। रसोई की सफाई के लिए डिटर्जेंट और क्लीनर का उपयोग करें। वहां रखे डिब्बों को भी अच्छे से धो लें, ताकि धूल-मिट्टी और बैक्टीरिया हट जाएं। खासतौर पर कांच के डिब्बों को संभालकर रखें, क्योंकि इनके टूटने का खतरा अधिक होता है। इस तरह व्यवस्थित ढंग से सफाई करने पर घर न केवल चमक उठेगा, बल्कि त्योहार की रौनक भी बढ़ जाएगी।
वास्तु के हिसाब से ऐसे करें सजावट
दिवाली पर घर सजाना शुभ माना जाता है, लेकिन अगर सजावट वास्तु के अनुसार की जाए तो घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। सबसे पहले मुख्य द्वार पर रंगोली और आम के पत्तों का तोरण लगाएं, यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। दरवाजे और खिड़कियों पर पीली या लाल लाइट लगाना शुभ होता है, क्योंकि ये रंग ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक हैं। पूजन स्थल को उत्तर-पूर्व दिशा में सजाना उत्तम माना जाता है। घर के दक्षिण-पूर्व कोने में दीपक जलाएं, यह धन लाभ का मार्ग खोलता है। घर के कोनों और अंधेरी जगहों को रोशनी से सजाएं, ताकि कोई नकारात्मक ऊर्जा न टिक सके। फूलों की सजावट भी करें, विशेषकर गेंदा और गुलाब के फूल, ये सकारात्मक वातावरण बनाए रखते हैं। वास्तु के हिसाब से सजावट करने से दिवाली का पर्व और भी मंगलकारी बन जाता है।
जरूरतमंदों को करें पुराने सामान का दान
दिवाली के मौके पर घर की सफाई हर कोई करता है, लेकिन सफाई के दौरान निकलने वाले पुराने और बेकार सामान को अक्सर कुछ लोग फेंक देते हैं। या फिर स्टोर रूम में डाल देते हैं, जो सालों साल पड़ा रहता है, जबकि यह सामान किसी जरूरतमंद के काम आ सकता है। दिवाली खुशी और रोशनी का त्योहार है। इसे दूसरों की जिंदगी में भी रोशनी भरने का माध्यम बनाना चाहिए। अगर पुराने कपड़े, किताबें, खिलौने, बरतन या कोई अन्य उपयोगी सामान, जिन्हें हम इस्तेमाल नहीं करते हैं, उन्हें गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करें। ऐसा करने से न केवल उनका जीवन थोड़ा आसान होगा, बल्कि आपको भी संतोष और सच्ची खुशी मिलेगी। दिवाली सिर्फ अपने घर को सजाने का नहीं, बल्कि दूसरों की जिंदगी में भी खुशियां बांटने का पर्व है। इसलिए इस बार सफाई के साथ-साथ दान को भी अपनी दिवाली की परंपरा बनाएं।
दिवाली के दिन क्या करें क्या न करें?
दिवाली का पर्व खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है, लेकिन इस दिन कुछ कार्य करने और न करने की विशेष मान्यताएं होती हैं। दिवाली के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। लक्ष्मी पूजन के समय घर में दीपक जलाकर मुख्य द्वार और पूजा स्थल को रोशन करें। बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और जरूरतमंदों को दान करें।
वहीं, इस दिन कुछ चीजों से बचना चाहिए। गंदगी या अव्यवस्था न फैलाएं, नशे का सेवन न करें, क्योंकि माना जाता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। झगड़ा, कटु वचन या किसी का अपमान न करें। फिजूलखर्ची और जुए से भी दूर रहें। तेज आवाज वाले पटाखे जलाने से बचें, क्योंकि इससे प्रदूषण और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। इन छोटे-छोटे नियमों का पालन कर दिवाली का त्योहार सुख, शांति और समृद्धि लेकर आता है।
भगवान गणेश-मां लक्ष्मी का पूजा स्थल कैसे बनाएं?
भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए स्वच्छ और पवित्र स्थान का चयन सबसे महत्वपूर्ण है। घर के उत्तर-पूर्व कोना (ईशान कोण) पूजा स्थल के लिए शुभ माना जाता है। सबसे पहले उस जगह की सफाई करके लाल या पीले कपड़े से चौकी बिछाएं। चौकी पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित करें। मूर्ति को दीवार से थोड़ी दूरी पर रखें, ताकि उनके चारों ओर दीपक और सजावट की जगह हो। मूर्ति के सामने कलश स्थापित करें, जिसमें जल, आम के पत्ते और नारियल रखें। चौकी पर रोली, चावल, पुष्प, धूप, दीपक और मिठाई सजाएं। आस-पास रंगोली और दीप जलाकर वातावरण को सकारात्मक बनाएं। पूजा स्थल पर बैठते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके विधिविधान से आरती और मंत्रोच्चारण करें। इस तरह सुसज्जित पूजा स्थल पर लक्ष्मी जी की कृपा से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।
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