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Hindi Now Uttar Pradesh • 07 Oct 2025, 03:03 pm
हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष धार्मिक और भावनात्मक महत्व है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस बार करवा चौथ 10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और दांपत्य जीवन की मंगलकामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
इस व्रत में महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक बिना जल और अन्न ग्रहण किए उपवास करती हैं। जब रात को चंद्रमा उदय होता है, तब सुहागिनें चंद्रदेव की पूजा-अर्चना कर अर्घ्य अर्पित करती हैं और अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ती हैं। शाम को चंद्रमा के निकलने से कुछ घंटे पहले करवा माता की पूजा की जाती है। इस दौरान महिलाएं 16 श्रृंगार करके सजती हैं और सामूहिक रूप से पूजा में शामिल होती हैं। करवा चौथ की कथा सुनना और देवी-देवताओं से अपने परिवार की खुशहाली की प्रार्थना करने के साथ यह पूजा संपन्न होती है।

करवाचौथ 2025 की शुभ तिथि
वैदिक पंचांग के मुताबिक करवा चौथ की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 10 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 38 मिनट तक रहेगी। इसलिए व्रत और पूजा 10 अक्टूबर को ही की जाएगी।
करवाचौथ 2025 का पूजा मुहूर्त
इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 57 मिनट से लेकर 7 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। इस तरह कुल 1 घंटे 9 मिनट का समय पूजा के लिए अत्यंत शुभ रहेगा। महिलाएं इसी अवधि में करवा माता और चंद्रदेव की आराधना करेंगी।
करवाचौथ 2025 चंद्रोदय का समय
दिल्ली को मानक मानते हुए पंचांग के अनुसार इस वर्ष चंद्रमा निकलने का समय रात 8 बजकर 13 मिनट पर होगा। हालांकि भौगोलिक स्थिति के आधार पर अलग-अलग शहरों में चांद के निकलने के समय में कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है। करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के प्रेम और निष्ठा का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि पारिवारिक एकता, प्रेम और समर्पण का भी सुंदर संदेश देता है।
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