Curated By:
editor1 |
Hindi Now Uttar Pradesh • 07 Aug 2025, 04:35 pm
उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन महाकाल शुरू किया है। इसके तहत पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बर्रा पुलिस ने शहर के नामी अधिवक्ता और उसके एक साथी को झूठी रिपोर्ट लिखवाकर जबरन वसूली, जालसाजी और धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई पुलिस ने एक बीजेपी नेता की तहरीर पर की है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके अब दो युवतियों समेत पांच लोगो की तलाश शुरू कर दी है।
बता दें कि कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने 6 जून से ऑपरेशन महाकाल की शुरुआत की है। इसके तहत पुलिस ने लोगों से डरा-धमाका के वसूली करने वाले जैसे पत्रकार, वकील, सफेदपोश के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने सबसे पहली एफआईआर जाजमऊ थाने में दर्ज की थी, जहां पुलिस ने सिपाही और यूट्यूबर समेत 11 पर रंगदारी की रिपोर्ट दर्ज की थी। इन पर आरोप है कि इन्होंने एक बिल्डर से खबरे चलाने के नाम पर डरा धमका कर और झूठी खबर प्रसारित करने के नाम पर पैसे की ठगी की है।
दूसरी रिपोर्ट पुलिस ने बर्रा थाने में दर्ज की है, जिसमें पुलिस ने शहर के नामी अधिवक्ता अखिलेश दुबे उनके साथी लवी मिश्रा समेत दो युवतियों और अन्य 5 लोगो के खिलाफ दर्ज की है। यह रिपोर्ट भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक बर्रा पटेल चौक निवासी रवि सतीजा की तहरीर पर हुई है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि एक जनवरी 2024 को उनके व्हाट्सएप पर अधिवक्ता अखिलेश दुबे ने काल की थी। कॉल उठाते ही उनको धमकी दी गईं कहा अपनी लोकेशन दो। जब उन्होंने मना कर दिया तो आरोपी ने कहा कि ज्यादा ज्ञान दोगे तो जान से हाथ धो बैठोगे। मुकदमेबाजी न पड़ो, अगर इस मामले से पीछा छुड़ाना चाहते हो तो 50 लाख रुपए दे दो। यह कॉल उनके सोना मेंशन होटल को लेकर बिल्डर से चल रहे विवाद के बाद आई थी।
रवि सतीजा के मुताबिक बिल्डर अखिलेश दुबे के पास पहुंच गया था। उन्होंने किसी तरह इस विवाद को दूर किया। 12 मई 2024 को आरोपियों ने कोर्ट के माध्यम से उनके ऊपर किशोरी से दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद से पीड़ित लगातार न्याय के लिए भटक रहा था। पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर पीएम मोदी तक न्याय की गुहार लगाई और जिसके बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने मामले की जांच के एसआईटी टीम का गठन किया गया था। एसआईटी की जांच में पाया गया कि रवि सतीजा के ऊपर जो मामला दर्ज हुआ था, वह पूरी तरह से झूठा है। इसके बाद पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ बर्रा थाने में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने अधिवक्ता अखिलेश दुबे और उसके एक साथी लवी मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। वहीं पुलिस अब मुकदमा लिखवाने वाली दो युवतियों और उनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।
रवि सतीजा का आरोप है कि यह सभी आरोपी एक गिरोह बनाकर लोगों को झूठे मुकदमे में फंसा कर लोगों से रंगदारी वसूलते हैं। उनका आरोप है कि कई ऐसे पीड़ित लोग हैं, जो इस गिरोह का शिकार बन चुके हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से अब मैं संतुष्ट हूं। वहीं इस मामले में डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि रवि सतीजा की तहरीर पर बुधवार को साकेतनगर निवासी अधिवक्ता अखिलेश दुबे, जिम संचालक लवी मिश्रा ,अभिषेक बाजपेई, शैलेंद्र यादव, विमल यादव और दो बहनों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इन्ही बहनों ने वादी के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास और तेजाब से नहलाने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। साथ ही उनका यह भी आरोप है कि उनसे 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई है। लवी के खिलाफ बिना लाइसेंस के शराब परोसने की रिपोर्ट किदवई नगर थाने में पहले भी दर्ज हो चुकी थी। बुधवार देर शाम अखिलेश व लवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं दूसरी तरफ मिश्रिख के भाजपा सांसद अशोक रावत ने भी आरोपियों के खिलाफ पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से संगठित गिरोह बनाकर फर्जी तरह से रिपोर्ट दर्ज कराने की जानकारी दी थी।
यह भी पढ़ें- छांगुर बाबा केस में नए खुलासे, डीएम की रिपोर्ट से नए नाम आए सामने, अब क्या होगा?