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Hindi Now Uttar Pradesh • 07 Oct 2025, 07:42 pm
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) में प्रबंधक (विद्युत-यांत्रिक) के पद पर तैनात रहे हेमेंद्र प्रताप सिंह को नियमों की अनदेखी करना महंगा पड़ गया। मंगलवार को औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने उनकी बर्खास्तगी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्री नंदी की इस बड़ी कार्रवाई से पूरे विभाग में हलचल मच गई है।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण से हेमेंद्र प्रताप सिंह का स्थानांतरण यूपीसीडा में किया गया था। विभाग ने उन्हें कार्यमुक्त कर आदेश जारी भी कर दिया था, लेकिन सिंह ने समय पर नया कार्यभार ग्रहण नहीं किया। जांच में पाया गया कि वह बिना अनुमति के अनुपस्थित रहे और चिकित्सीय अवकाश के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन भी नहीं दिया। उन्होंने बिना स्वीकृति के अपने काम से छुट्टी ली और अपने आचरण से उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की।
यूपीसीडा एसीईओ की जांच में आरोप पाए गए सही
इन गंभीर आरोपों की जांच एसीईओ (उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी) यूपीसीडा की तरफ से की गई। जांच रिपोर्ट में हेमेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप सही पाए गए। उन्हें अनुशासनहीनता, बिना अनुमति अनुपस्थित रहने और सेवा नियमों की अवहेलना का दोषी ठहराया गया। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के तहत हेमेंद्र प्रताप सिंह की सेवा समाप्ति के प्रस्ताव को अनुमोदन कर दिया।
हेमेंद्र प्रताप सिंह को पहले भी दी जा चुकी थी चेतावनी
मंत्री ने कहा कि सरकारी सेवा में अनुशासन सर्वोपरि है और किसी भी अधिकारी द्वारा नियमों की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक हेमेंद्र प्रताप सिंह को पहले भी कई बार उनके काम करने के रवैये और अनुपस्थित रहने को लेकर चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने सुधार नहीं किया। यूपीसीडा प्रशासन ने यह निर्णय एक सख्त एक्शन के रूप में लिया है, ताकि भविष्य में अन्य अधिकारी भी सेवा अनुशासन का पालन करें। फिलहाल उनकी बर्खास्तगी से पूरे विभाग में हलचल मच गई है और विभागीय कर्मचारियों के बीच इस कार्रवाई की चर्चा बनी हुई है।
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