सरकारी नौकरी के लिेए गड़रिया से ग्वाल बने नत्थूलाल, शिकायत मिली तो हो गया बवाल, मामला जान शॉक्ड हो जाएंगे आप!

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 03 Sep 2025, 04:44 pm
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यूपी के बरेली जिले में सरकारी नौकरी पाने के लिए बड़ा खेला सामने आया है। यहां नत्थूलाल गड़रिया से ग्वाल बन गए और आरक्षण का लाभ लेकर अपने दोनों बेटों को नौकरी दिला दी। आइये पूरा मामला जानते हैं।

बरेली जिले में जाति बदलकर नौकरी पाने का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बहेड़ी के केंद्रपाल प्रकरण की तरह यहां भी एक ही परिवार ने ओबीसी की गड़रिया जाति से अनुसूचित जाति की ग्वाल जाति में खुद को दिखाकर सरकारी नौकरियां हासिल कर लीं। यह मामला आंवला तहसील के सिरौली कस्बे का है। यहां के रहने वाले नत्थू लाल और उसके दोनों बेटों पर जाति बदलने का गंभीर आरोप साबित हुआ है।


नत्थू लाल ने साल 2004 में सदर तहसील से फर्जीवाड़े के जरिए ग्वाल जाति का प्रमाणपत्र बनवा लिया। इसके बाद उसने अपने बेटों के लिए भी ग्वाल जाति के प्रमाणपत्र जारी करा लिए। इसी आधार पर उसका बेटा रोहित कुमार बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक बना, जबकि दूसरा बेटा आशुतोष भारतीय स्टेट बैंक में अफसर की नौकरी पाने में सफल हो गया। इस पूरे मामले का खुलासा नत्थू लाल के सगे भाई रामगोपाल उर्फ कल्लू की शिकायत पर हुआ। उन्होंने बताया कि परिवार की वास्तविक जाति गड़रिया है, लेकिन नत्थू ने जाति बदलकर न सिर्फ नौकरी हासिल की, बल्कि परिवार की सामाजिक छवि भी खराब कर दी। जांच में पाया गया कि नत्थू लाल और उसके बेटों के जाति प्रमाणपत्र फर्जी हैं।


नायब तहसीलदार की रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि नत्थू लाल तथ्यों को छिपाकर ग्वाल जाति का प्रमाणपत्र लेने में सफल हुआ। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि रोहित कुमार के केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के समय भरे गए फार्म में उसे अनुसूचित जाति का नहीं दर्शाया गया था। यही तथ्य जांच के दौरान निर्णायक साबित हुए। अब एसडीएम आंवला विदुषी सिंह ने तहसीलदार सदर को भेजी अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि नत्थू लाल और उसके दोनों बेटों के जाति प्रमाणपत्र निरस्त किए जाने योग्य हैं। जिला प्रशासन ने 17 सितंबर को जिला स्क्रूटनी समिति के सामने नत्थू लाल और उसके बेटों को साक्ष्य सहित हाजिर होने का नोटिस जारी किया है।


शिकायतकर्ता रामगोपाल का कहना है कि भाई के इस कृत्य से रिश्तेदारों और पड़ोसियों में भारी नाराजगी है। इतना ही नहीं अब परिवार की पौत्री के विवाह में भी अड़चन आ रही है। कई जगह रिश्ते तय होने के बावजूद टूट गए। उन्होंने कहा कि भाई को समझाने की कोशिश भी की, मगर वह गड़रिया जाति मानने को तैयार नहीं हुआ। तहसीलदार सदर भानु प्रताप सिंह ने बताया कि जांच में प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं और अब इन्हें निरस्त करने की कार्रवाई होगी। एडीएम सिटी सौरभ दुबे ने भी पुष्टि की कि 17 सितंबर को इस प्रकरण की सुनवाई होगी और नत्थू लाल को अपने पक्ष में साक्ष्य पेश करने होंगे।


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