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Hindi Now Uttar Pradesh • 23 Jun 2025, 02:56 pm
इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को अब पूरे 10 दिन हो चुके हैं। इस दौरान रविवार देर रात इजराइली एयरफोर्स ने ईरान के शाहरुद में स्थित एक बैलिस्टिक मिसाइल इंजन बनाने वाली फैक्ट्री पर जोरदार बमबारी की है। यह टारगेट इजराइल से करीब 2000 किलोमीटर दूर था। इसके बावजूद इजराइल की एयरस्ट्राइक सटीक और प्रभावशाली रही। इस हमले में फैक्ट्री में लगी कई महत्वपूर्ण मशीनें और इंजन निर्माण से जुड़ी जरूरी उपकरण पूरी तरह तबाह हो गए हैं। इसके साथ ही इजराइली विमानों ने तेहरान, केरमांशाह और हमादान जैसे अन्य शहरों में भी हवाई हमले किए हैं। इससे ईरानी रक्षा ढांचे को बड़ा नुकसान पहुंचा है। अमेरिका की तरफ से परमाणु ठिकानों को तबाह करने के बाद इजराइल की तरफ से मिसाइल निर्माण फैक्ट्रियों पर हमला करना ईरान के लिए एक बड़ा झटका है। इससे उबरने में ईरान को लंबा वक्त लगेगा।
गौरतलब है कि अमेरिका ने भी इस संघर्ष में अपनी भागीदारी बढ़ा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान में सत्ता परिवर्तन को लेकर संकेत देते हुए सोशल मीडिया पर बयान दिया कि यदि मौजूदा सरकार 'ईरान को फिर से महान' नहीं बना सकती तो सत्ता में बदलाव क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने अपने संदेश में 'मेक ईरान ग्रेट अगेन' का नारा दोहराया। ट्रम्प के इस बयान को ईरानी नेतृत्व के खिलाफ स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।
इस बयान से ठीक एक दिन पहले अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमले करके संघर्ष में खुलकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। इन परमाणु ठिकानों में फोर्डो, नतांज और इस्फहान शामिल थे। इन हमलों को अंजाम देने के लिए अमेरिका ने अपनी एडवांस्ड 7 B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स की मदद ली। इन बमवर्षकों ने विशेष 13,608 किलो वजनी बंकर बस्टर बम गिराए, जो जमीन के अंदर छिपे टारगेट्स को भी तबाह करने में सक्षम हैं। खासकर फोर्डो और नतांज न्यूक्लियर ठिकानों पर इन बमों का इस्तेमाल कर बड़ा नुकसान पहुंचाया गया। संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर आता दिख रहा है, जहां इजराइल और अमेरिका की संयुक्त सैन्य कार्रवाइयों ने ईरान को कूटनीतिक और सामरिक रूप से घेर लिया है। हालांकि ईरान की ओर से अब तक कोई बड़ा जवाबी हमला नहीं हुआ है, लेकिन हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं और किसी भी समय हालात और बिगड़ सकते हैं।
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