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Hindi Now Uttar Pradesh • 15 Sep 2025, 05:15 pm
बुलंदशहर में पूर्व भाजपा ब्लॉक प्रमुख की गला रेतकर हत्या कर दी गई है। उसका खून से लथपथ शव घर में बेड पर पड़ा मिला। वह अकेले ही इस घर में रह रहा था, जबकि उसकी पत्नी और बच्चे दिल्ली में रहते हैं। जब सुबह देर तक दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोसियों ने खिड़की से झांककर देखा और पुलिस को सूचना दी। वारदात की खबर मिलते ही एसएसपी दिनेश सिंह फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घर को सील कर जांच शुरू कर दी है। मृतक की पहचान 49 वर्षीय विनोद चौधरी निवासी जाहिदपुर कला गांव के रूप में हुई है।
विनोद चौधरी खुर्जा-जेवर क्षेत्र से ब्लॉक प्रमुख रह चुके थे और उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे। पंद्रह साल पहले हत्या के मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन वह फिलहाल पैरोल पर बाहर थे। पुलिस का मानना है कि हत्या के पीछे पुरानी रंजिश हो सकती है। घटनास्थल से हत्या में इस्तेमाल चाकू बरामद किया गया है। आशंका जताई जा रही है कि हत्या करने वाला कोई परिचित था, क्योंकि विनोद के घर में पिटबुल डॉग था और वह मौके पर खुलेआम घूम रहा था, लेकिन उसने किसी पर हमला नहीं किया।
एसएसपी ने बताया कि मृतक मूल रूप से रामगढ़ी गांव का रहने वाला थे और पिछले कुछ समय से जाहिदपुर स्थित मकान में रह रहे थे। उनके गले पर गहरे घाव के निशान मिले हैं। पुलिस ने घर से दो मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं। विनोद प्रॉपर्टी डीलिंग का काम कर रहे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पांच टीमें गठित कर जांच शुरू की है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। विनोद के छोटे भाई सुधीर ने पुलिस को बताया कि कुछ महीने पहले प्रॉपर्टी विवाद में एक फैसला हुआ था, जिसमें लाखों का लेनदेन शामिल था। इसी दौरान एक पक्ष ने विनोद को धमकी दी थी। करीब दो महीने पहले उन्होंने जान का खतरा बताते हुए पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। घटना के वक्त वह घर में अकेले थे, क्योंकि उनका नौकर दो दिन पहले छुट्टी लेकर चला गया था।
विनोद का आपराधिक इतिहास भी लंबा रहा है। 2006 में खुर्जा क्षेत्र में एक युवक बबलू की हत्या का मामला हुआ था। गवाह कर्मवीर ने अदालत में बयान देने से इंकार नहीं किया, जिसके बाद 2007 में उसकी भी हत्या कर दी गई। यह साजिश जेल से ही रची गई थी। अदालत ने इस मामले में गवाहों और सबूतों के आधार पर 10 आरोपियों को दोषी माना और 2022 में उम्रकैद की सजा सुनाई। विनोद चौधरी को इसी साल फरवरी में भाजपा की सदस्यता दिलाई गई थी, लेकिन आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद पार्टी ने उनकी सदस्यता निरस्त कर दी थी।
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