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Hindi Now Uttar Pradesh • 06 Sep 2025, 11:15 am
आगरा के थाना शाहगंज क्षेत्र में पकड़े गए धर्मांतरण गिरोह का मुख्य आरोपी राजकुमार लालवानी पुलिस के रडार पर है। पुलिस शनिवार को उसे रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही है। जांच का दायरा उसके बैंक खातों तक पहुंच चुका है। यह पता लगाया जा रहा है कि उसके खाते में कब-कब और कहां से कितनी रकम आई है। बैंक से इन लेन-देन की पूरी जानकारी मांगी गई है।
मंगलवार को पुलिस ने केदार नगर स्थित एक घर से धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। आरोप है कि यह गिरोह बीमारी और कष्ट दूर करने के बहाने लोगों को अपने पास बुलाता और फिर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था। जब कोई व्यक्ति सहमत हो जाता तो उसकी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती थी।
जानवरों का मांस खाकर पिलाया जाता था खून, यही था ईसाई धर्म स्वीकार करने का प्रमाण
पुलिस के मुताबिक इस गिरोह की सभाओं में हिंदू धर्म के प्रतीकों को तोड़ने की बातें होती थीं। धर्मांतरण करने वालों को कलावा पहनने या तिलक लगाने की अनुमति नहीं दी जाती थी। मूर्तियों को घर में रखने से भी रोक दिया जाता था। इतना ही नहीं, आरोप यह भी है कि कीर्तन सभाओं में लोगों को मांस खिलाकर खून पिलाया जाता था और इसे धर्मांतरण की प्रक्रिया का हिस्सा बताया जाता था। हालांकि इस दौरान किसी को भी कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया जाता था। कई बार बीमारी दूर करने के नाम पर उनसे रकम भी वसूली जाती, जिसे आपस में बांट लिया जाता।
अलग-अलग राज्यों से फंडिंग के संकेत, आरोपी समेत परिवार के खाते में जाती थी रकम
पूछताछ में पुलिस को अहम जानकारी मिली है। राजकुमार को महाराष्ट्र और हरियाणा से फंडिंग की जाती थी। कई बार रकम उसकी बेटी के खाते में भी भेजी जाती थी। पुलिस इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि आखिर पैसा किन-किन खातों से आ रहा था और पीछे कौन लोग शामिल थे। एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसका पता लगाने के लिए राजकुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। वहीं उसके बैंक खातों में हुए लेन-देन की भी विस्तृत जांच कराई जा रही है।
ऑफलाइन ही नहीं, ऑनलाइन माध्यमों से भी कराया जाता था धर्मांतरण
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी केवल ऑफलाइन ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन माध्यमों से भी धर्मांतरण की गतिविधियां चला रहा था। गूगल मीट पर प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती थीं और यूट्यूब चैनल के जरिए ईसाई धर्म का प्रचार किया जाता था। इन सभाओं में न सिर्फ देश के अलग-अलग शहरों के लोग बल्कि स्पेन और दुबई से भी लोग जुड़े रहते थे। आरोपी के पास से पुलिस ने डायरी और रजिस्टर बरामद किए हैं, जिनमें कई लोगों के नाम और नंबर दर्ज हैं। अब इनकी भी पड़ताल की जा रही है ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।
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