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Hindi Now Uttar Pradesh • 09 Jul 2025, 02:14 pm
बलरामपुर में धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर की कोठी पर दूसरे दिन भी प्रशासन का बुलडोजर चला। बुधवार सुबह बारिश थमते ही करीब 11 बजे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई फिर से शुरू हुई। इस बार प्रशासन ने अपनी कार्रवाई और तेज कर दी। पहले एक साथ पांच बुलडोजर लगाए गए और फिर पांच और बुलवा लिए गए। कुल 10 बुलडोजर अतिक्रमण हटाने के काम में लगाए गए। एसडीएम राजेंद्र बहादुर ने बताया कि पोकलैंड मशीन न होने की वजह से बुलडोजर की संख्या बढ़ाई गई है ताकि कार्रवाई में तेजी लाई जा सके।
इससे पहले मंगलवार को छांगुर के आलीशान घर पर बुलडोजर पहली बार चला था। छांगुर पर हिंदू परिवारों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। उसने यह कोठी नीतू उर्फ नसरीन नामक मुंबई निवासी सिंधी महिला के नाम पर जमीन खरीदकर लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से बनवाई थी। निर्माण के दौरान दो बिस्वा सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर लिया गया था, जिसे बाद में प्रशासन ने अवैध घोषित कर ध्वस्तीकरण का आदेश दिया।
सोमवार को प्रशासन ने कोठी पर नोटिस चस्पा किया था। जैसे ही कार्रवाई की भनक लगी, कोठी में रहने वाले लोग ताला लगाकर वहां से चले गए। मंगलवार सुबह प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। गैस कटर से मुख्य गेट का ताला काटा गया और फिर तीन बुलडोजर कोठी के भीतर दाखिल हुए। सबसे पहले गेट के बाएं ओर बनी 40 कमरों वाली मजबूत कोठी को ढहाने की कार्रवाई शुरू हुई। पिलर पर बनी इस कोठी की मजबूती को देखते हुए दो और बुलडोजर मंगवाने पड़े। दोपहर होते-होते ध्वस्तीकरण की रफ्तार तेज हो गई, लेकिन शाम तक केवल आधा हिस्सा ही गिराया जा सका। इसके बाद प्रशासन ने बुधवार को फिर से कार्रवाई जारी रखने का फैसला लिया।
धर्म परिवर्तन मामले की शुरुआत अगस्त 2024 में हुई थी जब यूपी एटीएस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। इस मामले में कुल दस लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें छांगुर का बेटा महबूब और नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन को आठ अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसी दिन से छांगुर और नीतू भूमिगत हो गए थे। आखिरकार पांच जुलाई को एटीएस ने इन दोनों को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने स्पष्ट कहा है कि धर्मांतरण के आरोपी छांगुर द्वारा किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मामले में अन्य आरोपियों की जांच जारी है और अगर कहीं और अतिक्रमण पाया गया तो उसे भी सख्ती से हटाया जाएगा। प्रशासन की यह सख्ती बताती है कि अब अवैध कब्जों और कानून उल्लंघन के मामलों में कोई ढील नहीं दी जाएगी।
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