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Hindi Now Uttar Pradesh • 03 Aug 2025, 11:46 am
मऊ जिले में दो महीने के लिए धारा 163 लागू कर दी गई है। त्योहारों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। अब 5 से अधिक लोगों के एकजुट होने पर रोक लगा दी गई है। मऊ जिले में आगामी त्योहारों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यह कानून 1 अगस्त से 30 सितंबर 2025 की मध्य रात्रि 11 बजे तक प्रभावी रहेगा। अपर जिला मजिस्ट्रेट सत्यप्रिय सिंह ने बताया कि आने वाले रक्षाबंधन, चेहल्लुम, स्वतंत्रता दिवस, जन्माष्टमी, ईद-ए-मिलाद/बारावफात, अनन्त चतुर्दशी, विश्वकर्मा पूजा, महाराजा अग्रसेन जयंती और दशहरा पर्व को लेकर यह निर्णय लिया गया है। इस दौरान शांति भंग होने की आशंका रहती है। इसी बीच तमाम प्रतियोगी परीक्षाएं भी आयोजित होने वाली हैं। इसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
एडीएम ने कहा कि असामाजिक तत्वों की अवांछनीय गतिविधियों से जनपद के शहरी और देहाती क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त होने और लोक शांति भंग होने की आशंका है। इसलिए इस आदेश के तहत अस्त्र-शस्त्र लेकर चलने पर रोक रहेगी। इसके अलावा आपत्तिजनक नारे लगाने और भाषण देने पर भी प्रतिबंध रहेगा। बिना अनुमति के 5 या उससे अधिक व्यक्तियों के एक स्थान पर एकजुट होने पर भी रोक लगाई गई है। उन्होंने बताया कि आपात स्थिति के कारण प्रत्येक संबंधित व्यक्ति को व्यक्तिगत नोटिस देना और सुनवाई करना संभव नहीं है। इसलिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह एकपक्षीय आदेश जारी किया गया है।
क्या है धारा 163 के तहत कानून
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 को पहले दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 के रूप में जाना जाता था। एक ऐसी शक्ति है, जो मजिस्ट्रेट को किसी विशेष क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए लागू की जाती है। यह धारा तब लागू होती है, जब किसी क्षेत्र में हिंसा या अराजकता का खतरा हो। इसके तहत मजिस्ट्रेट किसी स्थान पर लोगों के इकट्ठा होने या किसी भी गतिविधि को रोकने का आदेश दे सकते हैं। इसका प्राथमिक उद्देश्य किसी भीड़-भाड़ और हिंसा रोकना और क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखना है। नियमों का उल्लंघन करने पर 6 महीने तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
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