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Hindi Now Uttar Pradesh • 31 Jul 2025, 08:18 pm
उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव के पद के लिए अटकलों का दौर खत्म हो गया है। प्रदेश को नया मुख्य सचिव मिल गया है और यह जिम्मेदारी आईएएस अधिकारी एसपी गोयल को दी गई है। एसपी गोयल का पूरा नाम शशि प्रकाश गोयल है। वह लखनऊ के रहने वाले हैं और उनका जन्म 1967 में हुआ था। उन्होंने बीएससी (ऑनर्स), एमसीए और आईआईएफटी से ईएमआईबी की पढ़ाई की है। वर्तमान में वह मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव कार्यरत हैं। इसके साथ ही वह नागरिक उड्डयन, संपदा एवं प्रोटोकॉल विभाग और अपर स्थानिक आयुक्त जैसे कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत उन्होंने इटावा में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में की थी। इसके बाद वह अलीगढ़, बहराइच और मेरठ में मुख्य विकास अधिकारी यानी सीडीओ रह चुके हैं। उन्होंने मथुरा, इटावा, प्रयागराज और देवरिया जैसे महत्वपूर्ण जिलों में जिलाधिकारी के रूप में भी सेवाएं दी हैं। उनकी गहरी प्रशासनिक समझ और अनुभव उन्हें प्रदेश के वरिष्ठ अफसरों में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाता है।
इटावा में पहली नियुक्ति, फिर मथुरा से लेकर प्रयागराज तक रहे डीएम
आईएएस अधिकारी एसपी गोयल की पहली नियुक्ति इटावा में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में हुई थी। इसके बाद उन्होंने अलीगढ़, बहराइच और मेरठ जिलों में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के रूप में भी कार्य किया, जहां उन्होंने प्रशासनिक कार्यों का अनुभव हासिल किया। एसपी गोयल ने मथुरा, इटावा, प्रयागराज और देवरिया में जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया है। प्रशासनिक अनुभव के साथ उन्होंने विभिन्न सरकारों में अहम जिम्मेदारियां निभाईं।
लखनऊ से दिल्ली तक है अच्छी पकड़
1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को उत्तर प्रदेश के अगले मुख्य सचिव के सबसे प्रबल दावेदारों में गिना जा रहा था। इसकी बड़ी वजह उनकी प्रशासनिक पकड़ और अलग पहचान मानी जा रही है। एसपी गोयल बीते साढ़े 8 वर्षों से मुख्यमंत्री कार्यालय यानी पंचम तल पर तैनात रहे, जिससे उन्हें प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी और जिलों के प्रशासनिक ढांचे की गहरी समझ हो गई। उनके पास जमीनी अनुभव के साथ-साथ रणनीतिक प्रशासनिक दक्षता भी है। यही नहीं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी होने के नाते गोयल की पकड़ सिर्फ लखनऊ तक सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली की नौकरशाही और राजनीतिक गलियारों में भी उनका प्रभाव है। यही कारण है कि उन्हें शीर्ष पद के लिए उपयुक्त माना जा रहा था।
बसपा और बसपा सरकार में निभाई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां
शशि प्रकाश गोयल ने अपने प्रशासनिक करियर में विभिन्न सरकारों में अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। बसपा सरकार में वह स्टाफ अफसर रहे, जबकि सपा शासन में उन्हें प्लानिंग विभाग का सचिव और कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया। केंद्र की मोदी सरकार में उन्होंने मानव संसाधन एवं उच्च शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में सेवाएं दीं। वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद एसपी गोयल को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। तब से वह मुख्यमंत्री कार्यालय का एक मजबूत स्तंभ बने हुए हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में गिने जाते हैं। उनके अनुभव, प्रशासनिक पकड़ और भरोसेमंद छवि के चलते वे लगातार शीर्ष पदों पर आसीन रहे हैं।
कैसे बने योगी के खास और भरोसेमंद अधिकारी
एसपी गोयल 1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में गिना जाता है। उन्होंने लंबे समय तक मुख्यमंत्री कार्यालय में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के रूप में काम किया है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही एसपी गोयल लगातार सीएम कार्यालय के प्रमुख पदों पर तैनात रहे हैं और शासन-प्रशासन के संचालन में उनकी भूमिका बेहद अहम रही है। गोयल को एक गंभीर, मेहनती और निष्ठावान अधिकारी के रूप में जाना जाता है, जो बिना किसी दिखावे या चर्चा में आए अपने कार्य पर पूरी तरह केंद्रित रहते हैं। उनकी कार्यशैली सटीक निर्णय, प्रशासनिक अनुशासन और स्पष्ट सोच पर आधारित है, जिससे उन्हें सरकार के भीतर गहरी विश्वसनीयता मिली है। यही वजह है कि अपनी अच्छी छवि के साथ वह धीरे-धीरे मुख्यमंत्री के खास बन गए। उनके भरोसेमंद छवि, प्रशासनिक अनुभव और निर्णय क्षमता के कारण ही उन्हें उत्तर प्रदेश का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। उनकी यह नियुक्ति न सिर्फ मुख्यमंत्री के विश्वास को दर्शाती है, बल्कि उनके लंबे और प्रभावशाली प्रशासनिक करियर की एक बड़ी उपलब्धि भी मानी जा रही है।
केंद्र में कई पदों पर अहम रोल निभाए गोयल
केंद्र में मोदी सरकार के दौरान उन्होंने मानव संसाधन और उच्च शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में सेवाएं दीं। 2017 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनी, तो एसपी गोयल की दिल्ली से राज्य में वापसी हुई। उसी वर्ष उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद से वे लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं। शासन-प्रशासन के संचालन में उनकी अहम भागीदारी मानी जाती है। इस तरह अपनी अच्छी छवि से उन्होंने मुख्यमंत्री के दिल में जगह बना ली।
किसी के दबाव में काम न करने वाली छवि
एसपी गोयल को ऐसे अधिकारी के रूप में जाना जाता है जो किसी भी राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव में काम नहीं करते। उनकी छवि एक निडर, निष्पक्ष और स्पष्ट बोलने वाले अफसर की है। वह हमेशा सही को सही और गलत को गलत कहने का साहस रखते हैं। वर्ष 2024 में जब जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने सिंचाई विभाग के साढ़े सात सौ सहायक इंजीनियरों के ट्रांसफर की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी, तब एसपी गोयल ने वह फाइल लौटा दी थी। यह घटना उनकी कार्यशैली और सिद्धांतों की मिसाल बन गई। कहा जा रहा है कि वह अब तक के सबसे ताकतवर मुख्य सचिव साबित हो सकते हैं।
केंद्र में कैसे बनी उनके नाम की सहमति
उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव पद के लिए पिछले एक सप्ताह से चर्चाएं तेज हो गई थीं। मनोज कुमार सिंह के रिटायर होने पर मुख्य सचिव पद की दौड़ में तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम आगे चल रहे थे। इनमें एसपी गोयल का नाम सबसे आगे था। उनके बाद देवेश चतुर्वेदी और दीपक कुमार का नाम भी सामने आ रहा था। हालांकि 1989 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी एसपी गोयल की कार्यशैली और प्रबंधन क्षमता की सबसे ज्यादा चर्चित रही। उनके सटीक फैसले, प्रशासनिक अनुशासन, स्पष्ट सोच, नौकरशाही पर पकड़ और अच्छी छवि की केंद्र तक में चर्चा है। यही वजह रही कि केंद्र में मुख्य सचिव पद के लिए उनके नाम पर सहमति बनी।
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