Curated By:
            editor1 |
            Hindi Now Uttar Pradesh • 30 Oct 2025, 11:38 am
        
 
        
        
     
    
    
        मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहा कि एक्सप्रेसवे राज्य की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक भविष्य की रीढ़ हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण दिसंबर तक हर हाल में पूरा किया जाए, ताकि पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच तेज, सुरक्षित और सुगम कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सके। योगी ने कहा कि प्रत्येक परियोजना की साप्ताहिक समीक्षा की जाए और कार्य की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता न हो।
बैठक में गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार के रूप में प्रस्तावित मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे, नोएडा-जेवर लिंक एक्सप्रेसवे, चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे तथा विंध्य एक्सप्रेसवे और विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे पर विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नए एक्सप्रेसवे की योजना बनाते समय एनएचएआई की तरफ से प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे नेटवर्क को ध्यान में रखा जाए, ताकि परियोजनाएं एक-दूसरे से प्रभावी रूप से जुड़ सकें। योगी आदित्यनाथ ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जुड़े सभी नोड जैसे लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा, अलीगढ़ और चित्रकूटमें स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर रक्षा उद्योग से जोड़ा जाए, ताकि क्षेत्रीय आत्मनिर्भरता और रोजगार के अवसर दोनों बढ़ सकें। बैठक में बताया गया कि डिफेंस कॉरिडोर के लिए अब तक 30,819 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और 5,039 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है।
मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा गंगा एक्सप्रेस वे, 12 जिलों को जोड़ने की योजना
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज के जूड़ापुर दादू गांव तक बन रहा है। यह 594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ता है और यह 12 जिलों से होकर गुजरता है। इसमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले जुड़ते है। इस मार्ग के तैयार होने के बाद इन जिलों में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
निवेशकों को आवंटित जमीन उपयोग में न लाने पर 3 सालों में स्वत: आवंटन होगा रद्द
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि किसी निवेशक को आवंटित भूमि तीन वर्षों के भीतर उपयोग में नहीं लाई जाती है, तो उसका आवंटन स्वतः रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने भूमि उपयोग की पारदर्शी निगरानी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए, ताकि केवल वास्तविक प्रगति के आधार पर ही निवेशकों को आगे की सुविधाएं दी जा सकें। बैठक में यह भी बताया गया कि एक्सप्रेसवे के किनारे विकसित हो रहे औद्योगिक क्लस्टर और लॉजिस्टिक पार्कों में निवेश आकर्षित करने के लिए यूपीडा ने बिजली, जल आपूर्ति, ट्रक टर्मिनल, हेल्थ और इमरजेंसी सुविधाओं की समयबद्ध व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश, रोजगार और क्षेत्रीय विकास को अभूतपूर्व गति मिलेगी, जिससे राज्य "नई औद्योगिक क्रांति" के केंद्र के रूप में उभरेगा।
यह भी पढ़ें- इस बार सीएम योगी ने बुंदेलखंड के लिए बड़ी घोषणा, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बहुत कुछ, जानकर खुशी से झूम उठेंगे आप!