भारत के युवाओं की विदेशों में खरीदारी, मिलते हैं 4 लाख रुपये, पूरा मामला जान दंग रह जाएंगे आप!

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 30 Oct 2025, 06:12 pm
news-banner
यूपी के आगरा जिले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने यहां एक एजेंट को गिरफ्तार किया है, जो विदेशों में भारतीय युवकों को बेचता था। इसके लिए विदेशियों से वह 4500 डॉलर वसूलता था। आइये पूरा मामला जानते हैं।

आगरा पुलिस ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बेरोजगार भारतीय युवकों को नौकरी का लालच देकर विदेश भेजता था और फिर उन्हें चीनी साइबर ठगों के हाथों बेच देता था। पुलिस ने इस गिरोह के एक एजेंट आमिर खान सरगुरु को महाराष्ट्र के रत्नागिरी से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह भारत के साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के युवकों को भी फर्जी जॉब ऑफर के जरिए वियतनाम, कंबोडिया और लाओस जैसे देशों में भेजता था।


पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह साइबर अपराध के लिए युवकों को विशेष प्रशिक्षण देता था। उनके ऑफिस में फिल्मों की तरह माहौल तैयार किया जाता था, जहां हर अपराध के लिए एक अलग किरदार तय होता था। डिजिटल अरेस्ट, हनी ट्रैप और शेयर ट्रेडिंग जैसे अपराधों के लिए युवकों को स्क्रिप्ट याद कराई जाती थी। जो युवक स्क्रिप्ट को सबसे बेहतर तरीके से निभा लेते थे, उन्हें उसी प्रकार की साइबर ठगी का काम सौंपा जाता था। उन्हें हर महीने 45 से 60 हजार रुपये वेतन के साथ कमीशन भी दिया जाता था। हर बिल्डिंग में अपराध के हिसाब से अलग फ्लोर बनाए गए थे। डिजिटल अरेस्ट के लिए पुलिस, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों के फर्जी ऑफिस तैयार किए गए थे ताकि पीड़ित को यह भरोसा दिलाया जा सके कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो रही है।


गिरफ्तार एजेंट से पुलिस कर रही पूछताछ

अपर पुलिस उपायुक्त नगर आदित्य सिंह ने बताया कि आरोपी आमिर खान को रत्नागिरी से गिरफ्तार कर आगरा लाया गया है। उससे गहन पूछताछ की जा रही है, जिसमें गिरोह के और सदस्यों के नाम सामने आए हैं। जल्द ही इनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जाएंगे। आमिर समेत उसके साथी युवाओं को विदेश में नौकरी का लालच देकर चीनी एजेंटों को बेच देते थे। इसके बाद उन्हें साइबर फ्रॉड के काम में लगा दिया जाता था।


साढ़े 4 लाख रुपये में बेचे गए भारतीय युवक

साइबर सेल में मलपुरा निवासी अखिल नाम के युवक ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि वह 2024 में कंबोडिया नौकरी की तलाश में गया था। वहां पहुंचने के बाद उसे पता चला कि यह गिरोह लोगों से जबरन साइबर ठगी कराता है। उसे एक कंपनी के ऑफिस में बंधक बना लिया गया था। बाद में उसने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास से संपर्क किया, जिसके बाद 16 दिन में उसे रेस्क्यू कराया गया। वह कानपुर के इमरान और समीर के साथ भारत लौटा। तीनों को आरोपी आमिर ने 4.50 लाख रुपये लेकर विदेश भेजा था और साइबर गिरोह के सरगना से भी 4500 डॉलर वसूले थे।


कर्ज लेकर गए विदेश, अब हो गए बेघर

पीड़ित युवकों ने बताया कि वे नौकरी के सपने लेकर उधार पैसे लेकर विदेश गए थे, लेकिन ठगी का शिकार बन गए। कई ने एजेंटों को पैसे देने के लिए खेत और मकान गिरवी रखे थे। अब न नौकरी है और न ही पैसा है। उनका कहना है कि अगर पुलिस आरोपियों के बैंक खातों की जांच करे तो उनसे उनकी रकम वापस दिलाई जा सकती है।

यह भी पढ़ें- धनतेरस की रात और श्मशान घाट, नग्न खड़ी थी महिला, फिर जो हुआ, जानकर उड़ जाएंगे होश!

advertisement image