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Hindi Now Uttar Pradesh • 25 Oct 2025, 12:11 pm
प्रदेश की योगी सरकार ने नकली और गुणवत्ताविहीन दवाओं के खिलाफ चाबुक चलाने की तैयारी कर रही है। सरकार नकली दवाओं की बिक्री पर सख्त कार्रवाई के लिए पूरे प्रदेश में जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को इस संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए हर जिले में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी का नया पद सृजित करने की सहमति दी है। इस कदम का उद्देश्य दवा जांच की प्रक्रिया को तेज करना और फर्जी दवाओं के कारोबार पर रोक लगाना है। मनमानी करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन होगा।
प्रदेश में आए दिन नकली और खराब गुणवत्ता वाली दवाओं की शिकायतें सामने आती हैं। इनकी जांच की जिम्मेदारी औषधि निरीक्षकों पर होती है, लेकिन वर्तमान में 13 जिलों में कोई औषधि निरीक्षक ही नहीं है। कई निरीक्षक दो-दो जिलों का कार्यभार संभाल रहे हैं, जिससे जांच कार्य प्रभावित हो रहा है। इस समस्या को देखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के औषधि नियंत्रण संवर्ग का पुनर्गठन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जो संबंधित जिले में औषधि निरीक्षकों की निगरानी करेगा। अब तक औषधि निरीक्षक सीधे जिलाधिकारी से संबद्ध रहते थे, लेकिन नई व्यवस्था में नियंत्रण अधिकारी उनके कार्यों पर सीधी नजर रखेंगे।
दोगुने होंगे औषधि निरीक्षकों के पद, अभी 109 में 32 पद खाली
इसी के साथ विभाग में उपायुक्त (औषधि) के पद भी बढ़ाए जाएंगे। वर्तमान में यह केवल एक पद है, जबकि दवाओं की निगरानी और नियंत्रण के लिए यह संख्या पर्याप्त नहीं है। वर्तमान में विभाग में कुल 109 औषधि निरीक्षकों के पद हैं, जिनमें से 32 पद खाली हैं। सरकार ने निर्णय लिया है कि निरीक्षकों की संख्या को दोगुना किया जाएगा ताकि जांच कार्य अधिक प्रभावी हो सके। इसके अलावा उप आयुक्त (औषधि) से पदोन्नति पाने वाले अधिकारियों को संयुक्त आयुक्त (औषधि) के पद पर तैनात किया जाएगा। इसके लिए सेवा नियमों में आवश्यक संशोधन भी किया जाएगा।
जनता के स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं
सरकार का मानना है कि इस नई व्यवस्था से दवा नियंत्रण व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ेगी, जांच की गति तेज होगी और जनता को सुरक्षित एवं गुणवत्तायुक्त दवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जनता के स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।