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Hindi Now Uttar Pradesh • 29 Jul 2025, 01:31 pm
लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इसके बाद वह उसी रात श्रीनगर पहुंचे और सुरक्षाबलों के साथ बैठक की, ताकि आतंकियों के फरार होने से रोका जा सके। 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। इसमें सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही अटारी की एकीकृत जांच चौकी को सस्पेंड कर पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा गया। कई पाकिस्तानी अधिकारियों को अवांछित घोषित कर देश से बाहर किया गया।
अमित शाह ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि रक्षा मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस समर्थन करेगी, लेकिन विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि हमले के वक्त पीएम के विदेश दौरे को लेकर सवाल उठे। संकट के समय प्रधानमंत्री हमेशा जनता की भावनाओं के अनुसार कड़ा संदेश देते हैं, जो उन्होंने बिहार की सभा में दिया। शाह ने कहा कि 30 अप्रैल को सीसीएस की एक और बैठक में सेना को पूर्ण ऑपरेशन की छूट दी गई, जिसके बाद 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर अंजाम दिया गया। यह ऑपरेशन रात 1 बजकर 4 मिनट से लेकर रात 1 बजकर 24 मिनट तक चला। इसमें पाकिस्तान के भीतर 100 किलोमीटर अंदर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया।
अब तक का सबसे प्रोफेशल और टारगेटेड अटैक
शाह ने इसे अब तक का सबसे संयमित हमला बताया, जिसमें एक भी आम नागरिक की जान नहीं गई। उन्होंने कहा कि पीओके में हुई सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद यह पहला मौका था जब सीधे पाकिस्तान की सरजमीं पर हमला किया गया। इस हमले में हाफिज मोहम्मद जमील, मुदस्सर खादियान, याकूब मलिक, मोहम्मद हसन, अब्दुल मलिक जैसे कुख्यात आतंकवादी मारे गए। इनमें से आठ आतंकियों ने यूपीए सरकार के दौरान भारत में आतंकी हमले किए थे। अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकियों को हमारी सेना ने मार गिराया है।
ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकी
गृहमंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की जांच तुरंत एनआईए को सौंपी गई, जो विश्व स्तर की जांच एजेंसी है। जांच के दौरान मृतकों के परिजनों, पर्यटकों, दुकानदारों, खच्चर संचालकों समेत 1055 लोगों से पूछताछ की गई और सभी बयानों की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। पूछताछ के आधार पर संदिग्धों के स्केच तैयार किए गए। कई गिरफ्तारियों के बाद पता चला कि तीन आतंकी हमले से पहले बैसारण के ढोक क्षेत्र में देखे गए थे। दो ने काली पोशाक और एक ने छद्म वेश धारण किया था। ऑपरेशन महादेव के तहत उन्हें मार दिया गया। इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों की पहचान गिरफ्तार आरोपियों ने इन्हीं संदिग्धों के रूप में की। हमले में दो AK-47 और एक एम कार्बाइन का इस्तेमाल किया गया था।
कुछ लोगों को आतंकियों को मारे जाने पर भी परेशानी
अमित शाह ने कहा कि हमने न सिर्फ आतंकियों को मारा, बल्कि उनके आकाओं को भी मार गिराया। मुझे लगा था कि यह खबर सुनकर सत्ता और विपक्ष दोनों में संतोष और खुशी की लहर दौड़ेगी, लेकिन कुछ चेहरों पर मायूसी छा गई। आतंकियों के मारे जाने से भी जिन्हें परेशानी हो, उनकी राजनीति पर सवाल उठता है। मेरे पास बैलिस्टिक रिपोर्ट है, जिसमें साफ है कि ऑपरेशन महादेव में जो गोलियां मिलीं, वही पहलगाम में चलाई गई थीं। सुरक्षा विशेषज्ञों ने खुद इसकी पुष्टि की है। मैं पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को भरोसा दिलाता हूं कि मोदी सरकार ने न सिर्फ आतंकियों को मारा है, बल्कि उन्हें भेजने वाले आकाओं को भी खत्म कर दिया है।
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