Curated By:
editor1 |
Hindi Now Uttar Pradesh • 18 Jun 2025, 11:56 am
बांदा जिले में कोतवाली देहात और एसओजी की संयुक्त टीम ने सोमवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान पुलिस ने जहरखुरानी गिरोह के चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। मुठभेड़ के दौरान एक अभियुक्त अखिलेश सिंह के पैर में गोली लगी है। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अब उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। यह गिरोह रात में सवारी बनकर ई-रिक्शों में बैठते थे। फिर नशा मिलाकर ई-रिक्शा चालकों से कहते थे कि भैया कोल्डड्रिंक पी लो। इसके बाद उन्हें लूट लेते थे।
पुलिस के मुताबिक पुलिस टीम वांछित अपराधियों की तलाश में क्षेत्र में गश्त कर रही थी। ग्राम चहितारा के पास जंगल की ओर से एक ई-रिक्शा पर कुछ संदिग्ध दिखाई दिए। पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया। पूछताछ में उन्होंने ई-रिक्शा चोरी की बात कबूल की और अपने साथी अखिलेश सिंह के बारे में बताया, जो कुछ दूरी पर चोरी किए गए एक अन्य रिक्शा के साथ मौजूद था। पुलिस ने उसका पीछा किया तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उसके पैर में लगी और उसे घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया गया। जांच के दौरान यह सामने आया कि यह गिरोह रात के समय ई-रिक्शा में सवारी बनकर बैठता था और चालक को कोल्डड्रिंक या अन्य नशीला पेय पिलाकर बेहोश कर देता था। इसके बाद वे रिक्शा, बैटरी और नकदी लेकर फरार हो जाते थे। गिरोह ने अतर्रा, कोतवाली नगर और कोतवाली देहात क्षेत्र में पहले भी इसी प्रकार की वारदातें की हैं। इसको लेकर उनके खिलाफ संबंधित थानों में पहले से मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी किए गए दो ई-रिक्शा, सात ई-रिक्शा बैटरी, एक मोटर, एक अवैध तमंचा, दो जिंदा और दो खोखा कारतूस तथा 38,900 रुपये नगद बरामद किए हैं। ये राशि चोरी व बैटरियों की बिक्री से अर्जित की गई थी। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में अखिलेश सिंह, रिंकू सिंह और राकेश सिंह पिस्टा, थाना बिसंडा के निवासी हैं, जबकि उमेश कुमार वर्मा मूसानगर, थाना अतर्रा का निवासी है। अखिलेश सिंह एक कुख्यात अपराधी है। उस पर हत्या, चोरी और मादक पदार्थों की तस्करी समेत करीब डेढ़ दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा पा चुका है और फिलहाल जमानत पर बाहर था। इस कार्रवाई को प्रभारी निरीक्षक अनूप कुमार दूबे और एसओजी प्रभारी कृष्णदेव त्रिपाठी के नेतृत्व में अंजाम दिया गया।
यह भी पढ़ें- दुल्हन मेहंदी लगाकर करती रह गई इंतजार, शादी के दिन दूल्हे ने बारात लाने से क्यों किया इंकार?