Explainer: T Raja Singh ने क्यों छोड़ी BJP? इस्तीफे की असली वजह क्या है? जानकर हैरान रह जाएंगे!

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 01 Jul 2025, 06:06 pm
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तेलंगाना बीजेपी के फायरब्रांड नेता और हिंदुत्व के कट्टर समर्थक टी राजा सिंह ने एक झटके में भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया। लेकिन इसके पीछे बहुत बड़ी वजह छिपी है, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।

तेलंगाना में टी राजा के इस्तीफे की खबर इतनी सामान्य नहीं है जितनी दिखती है, क्योंकि राजा सिंह सिर्फ एक विधायक नहीं, बल्कि दक्षिण भारत में हिंदुत्व का सबसे मुखर चेहरा माने जाते रहे हैं। राम मंदिर, लव जिहाद, गौ रक्षा जैसे मुद्दों पर उनकी आवाज़ हमेशा तेज रही है। ऐसे में पार्टी से अलग होना सिर्फ एक इस्तीफा नहीं, बल्कि एक राजनीतिक चेतावनी है। इस्तीफे की सबसे बड़ी वजह बनी तेलंगाना बीजेपी नेतृत्व में बदलाव। पार्टी ने एन रामचंद्र राव को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया, जो राजा सिंह के खेमे को रास नहीं आया। इस फैसले को राजा सिंह ने “हिंदुत्व की अनदेखी” बताया और इसके खिलाफ दो लेटर जारी कर दिए। एक पत्र में उन्होंने साफ लिखा:


“मैं चुप रहा, इसका मतलब ये नहीं कि मैं सहमत था। मैं सिर्फ अपने लिए नहीं, लाखों कार्यकर्ताओं के लिए बोल रहा हूँ।”


इस बयान से साफ है कि वे खुद के साथ-साथ उस पूरे वर्ग की भी बात कर रहे थे जो पार्टी की हिंदू हितों की नीति से अब असंतुष्ट दिख रहा है। राजा सिंह ने यह भी लिखा कि वे पार्टी से भले अलग हो रहे हैं, लेकिन हिंदुत्व की विचारधारा और अपने क्षेत्र गोशामल के लोगों की सेवा जारी रखेंगे। यह संकेत है कि वे राजनीति से पूरी तरह संन्यास नहीं ले रहे, बल्कि संभव है कि वे किसी नए मंच से वापसी करें।


उनके इस्तीफे का असर तेलंगाना बीजेपी की रणनीति पर गंभीर पड़ सकता है, क्योंकि वो उन क्षेत्रों में मजबूत थे जहाँ कट्टर हिंदू वोट बैंक पार्टी को आधार देता था। अब उनके बाहर होने से इस वोट बैंक में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। साथ ही, कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश गया है कि पार्टी अपने समर्पित चेहरों को दरकिनार कर रही है। राजा सिंह ने अपने पत्र में ये भी कहा:


“यह कठिन निर्णय है लेकिन ज़रूरी था। बहुत से कार्यकर्ता खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।”


इस लाइन से ये साफ हो जाता है कि यह केवल व्यक्तिगत नाराज़गी नहीं, बल्कि एक विचारधारा आधारित असंतोष है। इससे पहले भी बीजेपी ने कई ऐसे नेताओं को साइडलाइन किया है जो क्षेत्रीय प्रभावशाली चेहरा थे, और पार्टी को इसका नुकसान भुगतना पड़ा। अब सवाल उठता है कि क्या टी राजा सिंह एक नई पार्टी बनाएंगे? क्या वे AIMIM और कांग्रेस के खिलाफ कोई अलग राजनीतिक ध्रुव तैयार करेंगे? और क्या यह दक्षिण में बीजेपी के हिंदुत्व विस्तार की दिशा पर असर डालेगा? फिलहाल इतना तय है कि टी राजा सिंह का ये इस्तीफा सिर्फ एक नेता का निर्णय नहीं है, बल्कि तेलंगाना की सियासत में नई हलचल की शुरुआत है।


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