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Hindi Now Uttar Pradesh • 01 Jul 2025, 06:45 pm
उत्तर प्रदेश की राजनीति में जहां अकसर तल्ख बयानबाज़ी देखने को मिलती है, वहीं 1 जुलाई को एक ऐसा लम्हा सामने आया जिसने पूरे माहौल को बदलकर रख दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उनके जन्मदिन पर ट्विटर (एक्स) के ज़रिए शुभकामनाएं दीं, और फिर अखिलेश यादव ने भी उतने ही सौम्य अंदाज़ में धन्यवाद देकर शिष्टाचार की मिसाल पेश की। सीएम योगी ने ट्वीट किया:
"उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई।"
इस पर अखिलेश यादव ने जवाब में लिखा:
"आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
इस साधारण लगने वाले बधाई आदान-प्रदान ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया। कारण ये है कि बीते सालों में दोनों नेताओं के बीच मंचों से खूब सियासी तकरार होती रही है। 2017 के बाद जब से योगी सत्ता में आए हैं, सपा और भाजपा के बीच जुबानी जंग और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज़ हुआ है। ऐसे में इस बधाई संदेश को लोग ‘राजनीति में शिष्टाचार’ की मिसाल मान रहे हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है। 2021 में भी योगी ने अखिलेश को फोन करके जन्मदिन की बधाई दी थी और अखिलेश ने भी ऐसा ही किया था। यह दर्शाता है कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा व्यक्तिगत कटुता में नहीं बदलनी चाहिए। जनता को यह संदेश भी गया कि नेताओं के बीच संवाद और सम्मान का स्थान हमेशा बना रह सकता है। आज के राजनीतिक माहौल में, जहां ट्विटर वॉर, बयानबाज़ी और ध्रुवीकरण हावी है, वहां इस तरह की सकारात्मक पहल एक नई दिशा देती है। ये दिखाता है कि भारतीय राजनीति में परिपक्वता और गरिमा आज भी ज़िंदा है।
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