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Hindi Now Uttar Pradesh • 27 Jun 2025, 12:40 pm
अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान शुक्रवार सुबह 10 बजे एक हाथी के बेकाबू हो जाने से अफरा-तफरी मच गई। रथ यात्रा में शामिल लोगों में भगदड़ की स्थिति बन गई और लोग इधर-उधर भागते नजर आए। यह हाथी 17 हाथियों के समूह में सबसे आगे चल रहा था, लेकिन अचानक नियंत्रण से बाहर हो गया। वन विभाग की टीम ने स्थिति को संभालते हुए हाथी को काबू में किया। घटना के बाद एहतियातन तीन हाथियों को रथ यात्रा से हटा दिया गया, जिनमें दो मादा और एक नर हाथी शामिल हैं। अब केवल 14 हाथी ही रथ यात्रा में आगे बढ़ रहे हैं। यह यात्रा अहमदाबाद के जमालपुर स्थित मंदिर से प्रारंभ हुई और दिनभर शहर के विभिन्न हिस्सों से होते हुए शाम तक इसी मंदिर पर लौटेगी।
इस भव्य रथ यात्रा की शुरुआत सुबह 7 बजे हुई थी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पारंपरिक पाहिंद विधि के तहत रथ की सफाई करके यात्रा का शुभारंभ किया। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को सुबह 5 से 6 बजे के बीच रथ पर विराजमान किया गया। इस अवसर पर रथ के आगे सोने की झाडू से बुहारा भी लगाया गया, जो इस पूजा परंपरा का एक अहम हिस्सा है। रात्रि 8:30 बजे तक भगवान पुनः मंदिर लौटेंगे। यात्रा की शुरुआत से पूर्व सुबह 4 बजे मंदिर में मंगला आरती की गई, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनका परिवार भी उपस्थित रहा। आरती के बाद भगवान को खिचड़ी का भोग अर्पित किया गया।
पुरी, ओडिशा में भी जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर भव्य आयोजन किया गया। यहां इसे दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा माना जाता है। सुबह 6 बजे मंगला आरती के बाद भगवान का श्रृंगार किया गया और खिचड़ी का भोग लगाया गया। मंदिर की पारंपरिक विधियों के तहत 9:30 बजे से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को मंदिर से बाहर लाने की प्रक्रिया शुरू हुई। दोपहर 3 बजे पुरी के गजपति राजा दिव्य सिंह देव ने रथ के आगे सोने की झाड़ू लगाकर यात्रा का शुभारंभ किया। इसके बाद तीनों भगवान रथ पर सवार होकर लगभग तीन किलोमीटर दूर स्थित गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं, जिसे उनकी मौसी का घर कहा जाता है। वहीं उदयपुर में भगवान जगन्नाथ की यात्रा के लिए करीब 80 किलो चांदी के रथ का उपयोग किया गया।