आशा कार्यकर्ताओं को बड़ा तोहफा, बढ़ा मानदेय, फटाफट जान लें अपने काम की खबर

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 30 Jul 2025, 04:12 pm
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रक्षाबंधन त्योहार से पहले बिहार की आशा और ममता कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने उनका मानदेय बढ़ा दिया है। इससे उन्हें काफी राहत मिलने वाली है। आइए खबर में पूरा अपडेट जानते हैं।

बिहार सरकार ने प्रदेश की आशा और ममता कार्यकर्ताओं को बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आशा व ममता कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने का एलान किया है। सीएम ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी कि आशा कार्यकर्ताओं को अब 3000 रुपये और ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 600 रुपये मिलेंगे। पहले आशा कार्यकर्ताओं को 1000 रुपए और ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 रुपए मिलते थे। फिलहाल सरकार ने यह एलान विधानसभा चुनाव से पहले किया है। राजनीतिक जानकार इसे चुनावी लाभ लेने का पैंतरा बता रहे हैं।  


सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए लगातार काम किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने में आशा और ममता कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम रही है। इन्हीं के योगदान को देखते हुए उनके प्रोत्साहन राशि में यह बढ़ोतरी की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे इन कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर होंगी। ममता कार्यकर्ता कई वर्षों से अपने मानदेय में बढ़ोतरी की मांग कर रही थीं। 2008 में जब ममता कार्यकर्ताओं की नियुक्ति शुरू हुई थी, तब उन्हें प्रति प्रसव 100 रुपये दिए जाते थे। बाद में यह राशि बढ़ाकर 300 रुपये कर दी गई। लेकिन लगातार महंगाई बढ़ने और जिम्मेदारियों में वृद्धि को लेकर ममता कार्यकर्ता सरकार से राशि बढ़ाने की मांग कर रही थीं। अब यह मांग पूरी कर दी गई है।


ममता कार्यकर्ता अस्पतालों में डिलीवरी के बाद मां और नवजात शिशु को देखभाल सेवाएं देती हैं। वे सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में काम करती हैं। उनकी सेवाओं से प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की सेहत का ध्यान रखा जाता है। वहीं, आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं, बच्चों के टीकाकरण, परिवार नियोजन और बीमारियों की रोकथाम जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में जुटी रहती हैं। वे स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम करती हैं और समुदाय को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हैं। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद आशा और ममता कार्यकर्ताओं में खुशी है। इस फैसले से उनका आत्मबल बढ़ेगा और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूती मिलेगी।


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