हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी की याचिका पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित, जानें पूरा मसला

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 30 Jul 2025, 04:59 pm
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माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। अब जल्द ही इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा। अब्बास ने कोर्ट से हेट स्पीच मामले में सुनाई गई सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।

हेट स्पीच मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की याचिका पर बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। यह सुनवाई न्यायमूर्ति समीर जैन की बेंच में हुई, जहां दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें अदालत के समक्ष रखीं। बहस पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब जल्द ही इस पर निर्णय सुनाया जाएगा। इससे पहले 22 जुलाई को हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी की ओर से दायर इस याचिका पर सुनवाई की तारीख 30 जुलाई तय की थी, जिसमें उन्होंने दो साल की सजा को स्थगित करने की मांग की थी। अदालत में अब्बास की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र और अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने पक्ष रखा, जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और एजीए संजय सिंह ने जवाब पेश किया।


हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा, विधानसभा ने रद्द की थी विधायकी

पूरा मामला 31 मई 2024 का है, जब मऊ की सेशन कोर्ट ने अब्बास अंसारी को हेट स्पीच के मामले में दोषी पाते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसी मामले में उनके चुनाव एजेंट मंसूर को छह महीने की सजा और दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। वहीं अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। सजा सुनाए जाने के बाद अब्बास और मंसूर ने 20-20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत हासिल कर ली थी। एक जून को विधानसभा सचिवालय ने अब्बास की विधायकी खत्म कर दी और मऊ सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया। इसके साथ ही उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जानकारी भेज दी गई। इस सीट पर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई और भाजपा तथा सुभासपा के बीच मुकाबले की स्थिति बन गई।


क्या है हेट स्पीच का मामला, क्या बोलकर फंसे थे अब्बास अंसारी?

हेट स्पीच का यह मामला 3 मार्च 2022 को मऊ के पहाड़पुर मैदान में हुई एक चुनावी जनसभा से जुड़ा है। उस दौरान अब्बास ने अपने भाषण में प्रशासनिक अधिकारियों को धमकाने जैसे बयान दिए थे। उन्होंने कहा था कि सपा सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई ट्रांसफर या पोस्टिंग नहीं होगी। जो यहां है, वह यहीं रहेगा। यहां उसको हिसाब-किताब देना होगा। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने उन पर 24 घंटे तक प्रचार करने की रोक लगा दी थी। 4 अप्रैल 2022 को तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर कोतवाली मऊ में FIR दर्ज की गई थी। इसमें अब्बास, उमर अंसारी, मंसूर और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ IPC की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। फिलहाल आज कोर्ट में पेशी के दिन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही। एक समर्थक के जबरन कोर्ट में घुसने की कोशिश पर उसे हिरासत में ले लिया गया है।


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