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Hindi Now Uttar Pradesh • 29 Jul 2025, 11:18 am
फतेहपुर जिले की औंग पुलिस ने मंगलवार को बड़ी सफलता हासिल की। पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान 25 हजार रुपये के इनामी हिस्ट्रीशीटर मोहित पासवान को गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ के दौरान उसके पैर में गोली लगी है। उसे घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मोहित अंतरजनपदीय गैंगस्टर है और उस पर हत्या, चोरी, गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट और विस्फोटक अधिनियम के तहत 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
बताया जा रहा है कि आज सुबह औंग पुलिस रानीपुर पुल के पास संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की चेकिंग कर रही थी। तभी औंग की ओर से एक संदिग्ध स्कूटी सवार आता दिखाई दिया। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह तेजी से स्कूटी मोड़कर बड़ाहार गांव की ओर भागने लगा। कुछ दूरी पर निर्माणाधीन कॉलेज के पास उसकी स्कूटी फिसलकर गिर गई। खुद को पुलिस से घिरा देख उसने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिससे आरोपी मोहित के बाएं पैर में गोली लग गई।
पुलिस ने मौके से 315 बोर का एक तमंचा, दो खोखा कारतूस, एक जिंदा कारतूस, एक स्कूटी, 1400 रुपये नगद और एक मोबाइल फोन बरामद किया है। मोहित पासवान बकेवर और औंग थाने में दर्ज मुकदमों में वांछित चल रहा था। क्षेत्राधिकारी प्रगति यादव ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी से जिले में आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और आगे भी ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान जारी रहेगा।
डबल मर्डर केस में दोषियों को उम्रकैद
फतेहपुर के खागा कोतवाली क्षेत्र के त्यौंजा गांव में 2010 में हुए एक दोहरे हत्याकांड में अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम (एएसजे/एफटीसी-2) अजय सिंह ने सोमवार को आरोपी पूरन पासी और उसके चचेरे ससुर बिन्देश्वरी पासी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों दोषियों पर 65-65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला 11 जून 2010 का है, जब दहेज की अतिरिक्त मांग को लेकर आरोपी पति ने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर पत्नी गुड्डी (ऋतिका) और उसकी मां की गला दबाकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद पहचान छिपाने के लिए दोनों शवों को कानपुर के नौबस्ता थाना क्षेत्र के सेमरा गांव के तालाब में फेंक दिया गया था।
इस मामले की रिपोर्ट मृतका के रिश्तेदार पूरेलाल पासी ने दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में सभी साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपियों को दोषी मानते हुए हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। सरकारी अधिवक्ता अजम कुमार सिंह ने इस मामले में पैरवी की और साक्ष्यों के आधार पर दोष साबित करने में सफलता हासिल की।
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