डिंपल पर टिप्पणी और मौलाना पर थप्पड़, अखिलेश की चुप्पी पर उठे सवाल! क्यों चुप?

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 29 Jul 2025, 06:25 pm
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मौलाना साजिद रशीदी की डिंपल यादव पर टिप्पणी से मचा बवाल, सपा समर्थक ने लाइव इंटरव्यू में जड़ा थप्पड़, अखिलेश यादव की चुप्पी पर उठे सियासी सवाल, जानिए चुप्पी की वजह!

उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर बवाल मचा है। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव पर मौलाना साजिद रशीदी की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद मामला गरमा गया है। इस टिप्पणी से नाराज़ एक सपा समर्थक ने नोएडा के एक स्टूडियो में कैमरे के सामने ही मौलाना को चांटा मार दिया। अब सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक इस घटना की चर्चा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल जो हर कोई पूछ रहा है, क्या अखिलेश यादव की चुप्पी वोटबैंक की मजबूरी है?


मौलाना साजिद रशीदी, जो ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, उन्होंने एक टीवी डिबेट के दौरान डिंपल यादव के पहनावे पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। उन्होंने कहा कि मस्जिद में सिर ढककर बैठने का नियम है, लेकिन डिंपल ने सिर नहीं ढका। साथ ही कुछ ऐसे शब्द बोले जो धार्मिक गरिमा और महिला सम्मान दोनों पर सवाल खड़े करते हैं। इस बयान पर सपा सांसद इकरा हसन ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए इसे “शर्मनाक और निंदनीय” करार दिया और सामाजिक बहिष्कार की मांग की। वहीं लखनऊ के विभूतिखंड थाने में सपा कार्यकर्ता ने FIR भी दर्ज कराई, जिसमें IPC और IT एक्ट की धाराएं लगाई गईं।


इसके बाद जो हुआ उसने पूरे देश का ध्यान खींच लिया। नोएडा के एक न्यूज चैनल स्टूडियो में जब मौलाना इंटरव्यू देने पहुंचे, तभी एक सपा समर्थक अचानक स्टेज पर चढ़ा और उन्हें थप्पड़ मार दिया। कैमरे ऑन थे, वीडियो वायरल हो गया। यही नहीं, लखनऊ में जगह-जगह सपा कार्यकर्ताओं ने मौलाना के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया। बीजेपी ने मौके को भांपते हुए संसद में भी इसे उठाया। बांसुरी स्वराज सहित कई बीजेपी नेताओं ने सवाल उठाया कि अखिलेश यादव अपनी पत्नी के अपमान पर चुप क्यों हैं? क्या यह तुष्टिकरण की सियासत है? लखनऊ में बीजेपी MLC सुभाष यदुवंश ने पोस्टर लगवाए जिनमें लिखा था — “पत्नी के अपमान पर चुप रहने वाले बहन-बेटियों की रक्षा कैसे करेंगे?”


डिंपल यादव ने इस मामले में संतुलित जवाब देते हुए कहा, “अगर बीजेपी महिलाओं के सम्मान को लेकर इतनी संवेदनशील है तो मणिपुर की महिलाओं के लिए भी उतनी ही आवाज उठानी चाहिए।” लेकिन अखिलेश यादव अब तक इस मसले पर मौन हैं। यह चुप्पी अब चर्चा का विषय बन गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव की खामोशी रणनीतिक है, क्योंकि सपा का मुख्य वोटबैंक यादव, मुस्लिम और OBC वर्ग है। मौलाना साजिद जैसे धार्मिक नेताओं का असर मुस्लिम समाज के एक बड़े वर्ग पर है। ऐसे में उनके खिलाफ सख्त स्टैंड लेना सपा को 2027 के विधानसभा चुनावों में नुकसान पहुंचा सकता है।


हालांकि यह रणनीति अखिलेश की छवि को नुकसान पहुंचा रही है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि जब पत्नी के सम्मान की बात आई, तो एक नेता कैसे खामोश रह सकता है? वहीं सपा समर्थकों में भी नाराज़गी है कि पार्टी खुलकर डिंपल यादव के साथ नहीं खड़ी हुई। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर अखिलेश यादव की चुप्पी कब टूटती है, और क्या वे अपनी रणनीति में कोई बदलाव करते हैं। इस मसले ने यह भी दिखा दिया कि आज की राजनीति में सम्मान और सियासत के बीच की दीवारें कितनी पतली हो चुकी हैं।


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