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Hindi Now Uttar Pradesh • 23 Jul 2025, 05:58 pm
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रों को और अधिक लाभ देने के लिए प्रयासरत है। सरकार ने इसको लेकर आय सीमा बढ़ाने का फैसला लिया है। अब सामान्य, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए परिवार की वार्षिक आय सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करने पर सहमति बन गई है। यह बदलाव लागू होने के बाद इन वर्गों के अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ मिल सकेगा। हर साल इस योजना के तहत 50 लाख से ज्यादा छात्र लाभान्वित होते हैं।
सरकार की यह योजना गरीब और जरूरतमंद छात्रों के लिए बनाई गई है, जिससे वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। यह सुविधा सरकारी, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों के छात्रों के लिए उपलब्ध है। वर्तमान में अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए आय सीमा पहले से ही ढाई लाख रुपये सालाना है, जबकि अन्य वर्गों के लिए यह दो लाख रुपये तय है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने जानकारी दी कि छात्रवृत्ति से जुड़े नियमों में समानता लाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्रियों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। सभी विभागों ने मिलकर जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसे जल्द ही मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी राहत लेकर आएगा। खासतौर पर उन छात्रों के लिए जो थोड़ी अधिक पारिवारिक आय के कारण अब तक इस योजना के दायरे में नहीं आ पाते थे। आय सीमा बढ़ने से बड़ी संख्या में ऐसे छात्र भी अब इसके योग्य बन सकेंगे, जो अभी तक वंचित थे। इससे गरीब छात्रों की उच्च शिक्षा तक पहुंच और आसान हो सकेगी, जिससे राज्य में शिक्षा का स्तर बेहतर होने की उम्मीद है। सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी छात्र आर्थिक कारणों से पढ़ाई से वंचित न रह जाए।
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