पुरी भगदड़: वो तो श्रद्धा भाव से जगन्नाथ यात्रा में शामिल होने गए थे, क्या पता था लौटकर घर नहीं आएंगे..

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 29 Jun 2025, 12:54 pm
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ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में रविवार तड़के बड़ा हादसा हो गया। यहां भारी भीड़ की वजह से मची भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए। आइये पूरा घटनाक्रम जानते हैं।

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान रविवार तड़के करीब 4 बजे भगदड़ की एक दर्दनाक घटना सामने आई है। इसमें तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और करीब 50 लोग घायल हो गए। इनमें से 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह हादसा जगन्नाथ मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर के सामने हुआ, जहां भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के दर्शन के लिए भारी भीड़ जुटी थी। रथयात्रा के उत्साह में लोग बड़ी संख्या में एकजुट हुए थे। इससे अचानक अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बन गई। मृतकों के परिजनों ने कहा कि श्रद्धा भाव से उनके परिवार के सदस्य रथयात्रा में शामिल होने गए थे। क्या पता था कि वह लौटकर दोबारा घर नहीं आएंगे।


मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस हादसे को लेकर दुख व्यक्त करते हुए जनता से माफी मांगी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि वह और उनकी सरकार इस चूक के लिए भगवान जगन्नाथ के भक्तों से व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूक की तत्काल जांच कराई जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।


क्यों मची भगदड़?
भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ पहले ही गुंडिचा मंदिर पहुंच चुके थे, लेकिन भगवान जगन्नाथ का रथ बाद में पहुंचा। इसी कारण बड़ी संख्या में लोग नंदीघोष रथ के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े और देखते ही देखते धक्का-मुक्की शुरू हो गई। भगदड़ की स्थिति में कई लोग गिर पड़े और कुछ श्रद्धालु भीड़ के नीचे कुचल गए। मृतकों की पहचान बसंती साहू (36), प्रेमकांति महांति (78) और प्रभाती दास के रूप में की गई है। इनका पोस्टमॉर्टम पुरी मेडिकल कॉलेज में कराया गया है। यह पहली बार नहीं है, जब रथयात्रा के दौरान भीड़ की वजह से परेशानी बढ़ी हो। इससे पहले शुक्रवार को भी जब देवी सुभद्रा का रथ खींचा जा रहा था, तब भीषण भीड़ के दबाव से 625 से ज्यादा श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई थी। इनमें से 70 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इनमें से 9 लोगों हालत गंभीर हो गई थी।


आयोजन की व्यवस्थाओं पर सवाल, जांच जारी
भगवान जगन्नाथ की यह रथयात्रा शुक्रवार को शाम 4 बजे शुरू हुई थी। सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ तालध्वज खींचा गया, फिर देवी सुभद्रा का दर्पदलन रथ और अंत में भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ खींचा गया। शनिवार को सुबह 10 बजे रथयात्रा फिर से शुरू हुई और दोपहर तक तीनों रथ गुंडिचा मंदिर पहुंच गए। लेकिन रविवार तड़के भगवान जगन्नाथ के रथ के दर्शन की होड़ में एक और हादसा हो गया, जिसने पूरे आयोजन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन अब पूरे मामले की जांच में जुटा है।


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