गोरखपुर में ट्रेनी महिला सिपाहियों के हंगामे के बाद बड़ी कार्रवाई, इन अधिकारियों पर गिरी गाज, जानें पूरा मामला

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 24 Jul 2025, 10:50 am
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महिला रिक्रूट्स की शिकायत पर सेनानायक- प्लाटून कंमाडर निलंबित, डीआईजी पीटीएस हटाए गए

गोरखपुर स्थित 26वीं वाहिनी पीएसी में ट्रेनी महिला सिपाहियों द्वारा अव्यवस्थाओं को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। लापरवाही और शिथिल पर्यवेक्षण के आरोप में सेनानायक आनंद कुमार और प्लाटून कमांडर संजय राय को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, गोरखपुर पीटीएस के डीआईजी और प्रधानाचार्य रोहन पी. कनय को वेटिंग में डाल दिया गया है।


महिला अफसरों को दी गई जिम्मेदारी

वहीं, कानपुर स्थित केंद्रीय रिजर्व स्टोर में तैनात एडिशनल एसपी निहारिका शर्मा को 26वीं वाहिनी पीएसी की प्रभारी सेनानायक बनाया गया है। साथ ही पीटीएस गोरखपुर के एएसपी अनिल कुमार-1 को प्रभारी प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।  घटना की जानकारी मिलते ही डीजीपी राजीव कृष्ण ने गंभीर रुख अपनाते हुए एडीजी पीएसी आर.के. स्वर्णकार को तत्काल गोरखपुर भेजा। उन्होंने बताया कि महिला सिपाहियों की समस्याओं का शासन और पुलिस मुख्यालय द्वारा गंभीरता से संज्ञान लिया गया है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि सेनानायक आनंद कुमार ने पर्यवेक्षण में लापरवाही बरती। आनंद कुमार 2015 बैच के प्रमोटी आईपीएस अधिकारी हैं। वहीं, प्रशिक्षु सिपाहियों ने के साथ अभद्र व्यवहार और समस्याओं के समाधान में लापरवाही बरतने पर प्लाटून कमांडर संजय राय को भी निलंबित किया गया है। 


महिला सिपाहियों ने किया था जमकर हंगामा

बता दें कि  रिक्रूटमेंट ट्रेंनिंग सेंटर आरटीसी में सिपाही भर्ती 2023 के चयनित आरक्षियों का प्रशिक्षण 21 जुलाई से शुरू हुआ है। करीब 600 महिला कांस्टेबल ट्रेनिंग हो रही है।   बुधवार की सुबह ट्रेनिंग कर रही सिपाहियों ने हंगामा शुरू कर दिया और प्रशासनिक भवन पर जमा होकर विरोध प्रदर्शन करने लगीं। हंगामे के दौरान कई तरह के आरोप लगाए थे। खराब व्यवस्था की शिकायत के साथ दुर्व्यहार का भी आरोप लगा था।


मेरठ पीटीएस में भी फेरबदल

शासन ने पीटीएस मेरठ के डीआईजी सत्येंद्र कुमार को प्रतीक्षारत करते हुए उनके स्थान पर डीआईजी पूनम (पीएसी आगरा अनुभाग) को मेरठ भेजा है। पूनम को पीटीएस मेरठ की नई प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी दी गई है। शासन की ओर से पहले ही निर्देश था कि महिला प्रशिक्षण केंद्रों पर महिला अफसरों की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। गोरखपुर की घटना के बाद सरकार ने त्वरित कदम उठाते हुए दो महिला अधिकारियों को प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपी हैं।

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