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Hindi Now Uttar Pradesh • 29 Jun 2025, 05:25 pm
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मौजूदा भाजपा शासन में व्यापारियों के लिए हालात किसी आपातकाल से कम नहीं हैं। सरकार ऐसी नीतियों पर काम कर रही है, जिनसे बिचौलियों का मुनाफा तो बढ़ रहा है, लेकिन व्यापारी संकट में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ चुनिंदा लोग बिचौलियों के जरिए भारी मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि आम व्यापारी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा की ‘चंदा पॉलिसी’ के तहत व्यापारियों से जबरन नजराना वसूला जा रहा है।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि प्रदेश में निवेश को लेकर ऐसी व्यवस्था बना दी गई है, जिसमें पहले एडवांस कमीशन की मांग की जाती है। टैक्स व्यवस्था इस तरह बनाई गई है कि व्यापारियों को ठगा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापारियों को जानबूझकर झूठे जीएसटी नोटिस भेजे जा रहे हैं, ताकि उन पर दबाव बनाया जा सके। भाजपा सरकार की नीतियों में पारदर्शिता की बजाय सिर्फ ‘सेटलमेंट पॉलिसी’ चल रही है, जिसके तहत जो भी व्यापारी आवाज उठाएगा, उसके खिलाफ छापेमारी की जाएगी और उसे आर्थिक रूप से बर्बाद किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी व्यापारियों के साथ है और उन्हें अधिकारियों के उत्पीड़न से बचाने का हरसंभव प्रयास करेगी। अखिलेश ने विश्वास जताया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में व्यापारी वर्ग सपा का समर्थन करेगा और भाजपा को सत्ता से बाहर करने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि सपा व्यापारियों की आवाज बनकर खड़ी होगी और उनके हक की लड़ाई लड़ेगी।
जब एक परिवार खुद को देश से ऊपर मान लेता है तब लगता है आपातकाल: एस जयशंकर
भारतीय जनता युवा मोर्चा की तरफ से आयोजित मॉक संसद कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर तंज कसा है। विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि 1975 में लगा आपातकाल एक परिवार की सत्ता की भूख का परिणाम है। उन्होंने फिल्म 'किस्सा कुर्सी का' हवाला देते हुए कहा कि ये तीन शब्द उस दौर की हकीकत को बखूबी बयां करते हैं। जयशंकर ने कहा कि जब कोई परिवार खुद को देश से ऊपर मानने लगता है, तब लोकतंत्र खतरे में पड़ जाता है और आपातकाल जैसी घटनाएं होती हैं।
विदेश मंत्री ने अपना जीवनकाल याद करते हुए कहा कि आपातकाल के समय वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पढ़ाई कर रहे थे और उस समय उनकी उम्र महज 20 वर्ष थी। उन्होंने बताया कि उस दौर में संसद में विपक्ष का पूरा हिस्सा खाली था, क्योंकि अधिकतर विपक्षी नेता जेलों में बंद कर दिए गए थे। जयशंकर ने इसे लोकतंत्र के लिए काले दौर की संज्ञा दी और कहा कि उस समय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, राजनीतिक मतभेद और लोगों की आजादी सब कुछ कुचल दिया गया था। विदेश मंत्री ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आपातकाल हमें यह सीख देता है कि हमें अपनी स्वतंत्रता को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र की रक्षा करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है और इसके लिए सचेत रहना जरूरी है।
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