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Hindi Now Uttar Pradesh • 29 Jun 2025, 04:32 pm
पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़ की घटना के बाद ओडिशा सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए महज 12 घंटे के भीतर बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने इस मामले में दो अधिकारियों को निलंबित करने के साथ डीएम और एसपी को हटा दिया है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस हादसे को गंभीर लापरवाही मानते हुए पुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन और एसपी विनीत अग्रवाल का तबादला किया है। साथ ही ड्यूटी में कोताही बरतने के चलते डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित कर दिया है। सरकार ने चंचल राणा को पुरी का नया जिला कलेक्टर और पिनाक मिश्रा को नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि इस घटना की विस्तृत प्रशासनिक जांच विकास आयुक्त की देखरेख में कराई जाएगी।
मालूम हो कि रविवार तड़के मची भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गई है और करीब 50 लोग घायल हुए हैं। यह हादसा सुबह करीब 4 बजे श्री गुंडिचा मंदिर के पास हुआ। उस समय हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा देखने के लिए मंदिर परिसर में पहुंचे थे। इस दौरान अनुष्ठान से जुड़ी सामग्री ले जा रहे दो ट्रक भी रथों के पास भीड़ वाले इलाके में घुस गए। इससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद वहां भगदड़ की स्थिति बन गई। घटना के बाद आनन-फानन घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों की पहचान बोलागढ़ की बसंती साहू, बालीपटना के प्रेमकांत मोहंती और प्रवती दास के रूप में हुई है। उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच जारी है।
मुख्यमंत्री ने की मुआवजे की घोषणा
सीएम माझी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी श्रद्धालुओं से क्षमा याचना करती है और इस पीड़ा को सहन करने की शक्ति देने के लिए भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करती है। मुख्यमंत्री ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे रोकने में हुई चूक को स्वीकार किया और दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
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