छांगुर बाबा निकला शातिर! अपने गैंग को बचाने के लिए चली ये चाल

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 12 Jul 2025, 12:16 pm
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उत्तर प्रदेश के बलरामपुर का छांगुर बाबा काफी शातिर निलका। रोजाना पूछताछ में उसकी पोल खुल रही है। अब शुक्रवार को एक और बड़ा खुलासा हुआ है। आइये पूरा मामला जानते हैं।

बलरामपुर का रहने वाला धर्मांतरण का मास्टरमाइंड छांगुर बाबा काफी शातिर निकला। उसके गैंग की पोल न खुले, इसके लिए उसने फर्जीवाड़े की हद पार कर दी। उसने गैंग के चार सदस्यों के पासपोर्ट नेपाल से बनवाए गए थे और इन्हीं पासपोर्टों के जरिए वह विदेश यात्रा करते थे। इन पासपोर्टों के सहारे गैंग ने दुबई तक की यात्रा की और अन्य संदिग्धों को भी वहां भेजा। छांगुर से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने 4 संदिग्धों की पहचान की है, जिनके पास नेपाल से जारी पासपोर्ट मौजूद हैं। इन पासपोर्टों के माध्यम से दुबई समेत अन्य विदेशी नेटवर्क से संपर्क बनाए गए। अब एटीएस इन चारों संदिग्धों की तलाश में जुट गई है और नेपाल से दुबई तक के सफर में उनके संपर्कों और गतिविधियों की विस्तृत जांच कर रही है।


छांगुर बाबा के विदेशी लेनदेनों की जांच शुरू

छांगुर बाबा के खातों में हुए करोड़ों रुपये के लेन-देन को डोनेशन यानी चंदा बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक एटीएस रिमांड में पूछताछ के दौरान छांगुर बाबा ने बताया कि ये पैसे धर्म प्रचार के लिए आए थे और उनका उपयोग इसी उद्देश्य के लिए किया गया। हालांकि एटीएस को शक है कि धर्म प्रचार की आड़ में कहीं न कहीं धर्मांतरण की गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा रहा था। धार्मिक आयोजनों की आड़ में कुछ समुदाय विशेष के लोगों को टारगेट करके ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था। फिलहाल छांगुर और उसके साथियों के बैंक खातों की जांच भी शुरू कर दी गई है।  


बाबा की कोठी से ही संचालित होता था अवैध नेटवर्क

एटीएस टीम ने मंगलवार को बलरामपुर के मधपुर गांव स्थित छांगुर बाबा की कोठी पर तीन घंटे की छानबीन की। यह वही कोठी है जहां से पूरे नेटवर्क को संचालित किया जाता था। वहां उस कमरे की भी पहचान कराई गई, जहां कथित तौर पर ब्रेनवॉश कर लोगों का धर्मांतरण कराया जाता था। नीतू उर्फ नसरीन की भूमिका की भी जांच की गई, जिसमें यह सामने आया कि वह गरीब महिलाओं और उनके परिवारों को फंसाने का काम करती थी। कोठी से लौटने के बाद एटीएस टीम ने दोनों आरोपियों को लखनऊ स्थित मुख्यालय लाकर इंटरनेशनल फंडिंग, रिक्रूटमेंट सिस्टम और विदेश कनेक्शन को लेकर पूछताछ की। फिलहाल 10 से 16 जुलाई तक एटीएस को एनआईए कोर्ट से कस्टडी रिमांड मिली हुई है और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।


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