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Hindi Now Uttar Pradesh • 06 Jul 2025, 12:50 pm
हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को भी राज्य के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मंडी और चंबा जिलों में बादल फटने की घटनाओं ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है। मंडी के पधर उपमंडल के सिलबधानी गांव में देर रात बादल फटा, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन गई और दो पुल बह गए। इस घटना में जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन इलाके में बर्बादी का मंजर छा गया। इसी तरह चौहार घाटी के कोरतंग गांव में बादल फटने से तीन पैदल पुल और एक बस योग्य पुल बह गया। खेत, बाग-बगीचे और उपजाऊ जमीन मलबे में समा गई। प्रशासन ने मौके पर टीम भेजकर नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है।
शिमला में रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने शिमला से रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें मंडी, कांगड़ा और सिरमौर जिलों के लिए बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इसके अलावा शिमला, सोलन, हमीरपुर, चम्बा, कुल्लू, बिलासपुर और अन्य जिलों में भी अगले 24 घंटों के लिए फ्लैश फ्लड का खतरा बताया गया है। राज्य के 9 जिलों में लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक 7 जुलाई को भी भारी बारिश की संभावना है, जबकि 8 से 10 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया गया है।
24 घंटे में कांगड़ा में सबसे ज्यादा बारिश
पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश कांगड़ा के नगरोटा सुरियां में 102 मिमी रिकॉर्ड की गई। ऊना, धर्मशाला, कटुआला और मंडी सहित अन्य जगहों पर भी 20 से 60 मिमी तक बारिश दर्ज की गई है। राज्यभर में बारिश से सड़कें, बिजली और जल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। आपातकालीन केंद्र के अनुसार, 269 सड़कों पर आवाजाही बंद है, 285 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 278 जल परियोजनाएं ठप हैं। अकेले मंडी में ही 200 सड़कें और 236 ट्रांसफॉर्मर बंद पड़े हैं, जिससे यह जिला सबसे अधिक प्रभावित है।
बारिश जनित आपदा से अब तक 74 की मौत
20 जून से 5 जुलाई के बीच राज्य में कुल 74 लोगों की मौत हो चुकी है। 37 लोग अभी भी लापता हैं, जबकि 115 लोग घायल हुए हैं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, राज्य को अब तक 566 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। मंडी में सबसे ज्यादा 14 मौतें हुई हैं, जिनमें से कई बादल फटने की घटनाओं में हुईं। कांगड़ा में 13, और अन्य जिलों में भी कई लोगों की जान गई है।
बारिश से फिसलन भरी सड़कों पर हादसों में 27 की मौत
सड़क हादसों में भी 27 लोगों की जान जा चुकी है। बारिश की वजह से सड़कें फिसलनभरी हो गई हैं और कमजोर पुलों पर वाहन फंसने से दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। चंबा, बिलासपुर, कुल्लू, और मंडी जैसे जिलों में कई लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। साथ ही, प्राकृतिक आपदाओं ने राज्य में 19 घरों को पूरी तरह तबाह कर दिया है, जबकि 93 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 213 पशुशालाएं और 21 दुकानें भी बर्बाद हो चुकी हैं। लगभग 10,000 पोल्ट्री पक्षी और 253 मवेशियों की मौत हो चुकी है। खेती और बागवानी को भी भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे ग्रामीणों की आजीविका पर बड़ा असर पड़ा है।
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