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Hindi Now Uttar Pradesh • 11 Jul 2025, 12:33 pm
फतेहपुर पुलिस और एसओजी टीम ने जाली नोटों के कारोबार से जुड़े एक अंतरजनपदीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में गिरोह के सरगना परवेज सिद्दीकी समेत तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 22,500 रुपये के जाली नोट और 1.50 लाख रुपये की असली नकदी बरामद की है। यह कार्रवाई उस समय हुई, जब पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली। पुलिस को पता चला कि कुछ संदिग्ध लोग जाली नोटों के साथ पनिहा बाबा तिराहा के पास मौजूद हैं। इस पर पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें दबोच लिया।
सूचना मिलने के बाद खागा डीएसपी ब्रज मोहन राय के नेतृत्व में कोतवाली प्रभारी राजेश कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी विनोद कुमार यादव, सर्विलांस प्रभारी तारा सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों की टीम ने मौके पर घेराबंदी कर तीनों आरोपियों को पकड़ लिया। गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान परवेज सिद्दीकी (36), उस्मान (40) और गुफरान (27) के रूप में हुई है। तीनों आरोपी कौशांबी जिले के कड़ा धाम थाना क्षेत्र के चूहा पीरन गांव के रहने वाले हैं। वह अलग-अलग जनपदों में जाली नोट सप्लाई करने का काम करते थे। वह लंबे समय से इस काले कारोबार से जुड़े हुए थे।
पुलिस ने बरामद किए 500 रुपये के फर्जी नोट
पुलिस ने तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से 500-500 रुपये के कुल 45 जाली नोट बरामद किए, जिनकी कुल कीमत 22,500 रुपये है। इसके अलावा 1.50 लाख रुपये असली नकदी भी उनके पास से मिली है। पुलिस ने उनके पास से मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं। इनका उपयोग गिरोह के नेटवर्क को संचालित करने में किया जा रहा था। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि 20 जून 2025 को परवेज सिद्दीकी ने एक जन सेवा केंद्र में 22,500 रुपये जमा कराए थे। जब जन सेवा केंद्र संचालक ने इस राशि को एचडीएफसी बैंक खागा में जमा कराने की कोशिश की तो बैंक कर्मचारियों ने नोटों को जांच के बाद जाली करार दिया और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने उसी मुकदमे की जांच के दौरान इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ किया।
आरोपी महाराजगंज से मंगवाता था जाली नोटों की खेप
डीएसपी ब्रज मोहन राय ने बताया कि गिरोह का सरगना परवेज सिद्दीकी जाली नोटों की खेप महाराजगंज से मंगवाता था। इसके बाद वह इन नोटों को जिले भर में अपने नेटवर्क के जरिए चलवाता था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, परवेज के खिलाफ पहले से आठ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इससे पहले गिरोह के तीन अन्य सदस्य भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। अब पुलिस इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है और नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए कार्रवाई जारी है।
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